सिर्फ 500 रुपए में मिल जाती है करोड़ों Aadhaar Card की डिटेल्स

Just 500 Rupees and You Have access to billion Aadhaar details
सिर्फ 500 रुपए में मिल जाती है करोड़ों Aadhaar Card की डिटेल्स
सिर्फ 500 रुपए में मिल जाती है करोड़ों Aadhaar Card की डिटेल्स

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार हमेशा से ये दावा करती रही है कि सभी लोगों की "आधार डिटेल्स" पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन अब जो एक नई रिपोर्ट आई है उसने इन सरकारी दावों की पोल खोल दी है। दरअसल, एक इंग्लिश न्यूज पेपर ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि एक रैकेट है, जो सिर्फ 500 रुपए में आपको गेटवे और लॉग-इन पासवर्ड देता है। जिसके जरिए किसी की भी "आधार डिटेल्स" निकाली जा सकती है।


नंबर डालते ही मिलेगी जानकारी

एक इंग्लिश न्यूज पेपर की खबर के मुताबिक, अगर आपको "आधार डेटा" चाहिए, तो पेटीएम के जरिए सिर्फ 500 रुपए देना होगा और 10 मिनट के अंदर सारी जानकारी मिल जाएगी। इस खबर के मुताबिक, एक रैकेट है जो गेटवे और लॉग-इन पासवर्ड देगा, जिसके जरिए इसमें किसी का भी आधार नंबर डालकर उस शख्स की जानकारी निकाल सकते हैं। इसमें आपको उस शख्स का ईमेल, पिन कोड, मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर जैसी सारी जानकारियां आसानी से मिल जाएगी।

WhatsApp ग्रुप पर चलता है रैकेट

दरअसल, इस इंग्लिश न्यूज पेपर ने एक स्टिंग ऑपरेशन चलाया। इसमें उसे एक WhatsApp ग्रुप के बारे में पता चला, जो सिर्फ 500 रुपए में ये सर्विस देता है। खबर के मुताबिक, न्यूज पेपर ने WhatsApp ग्रुप के जरिए पहले इस सर्विस को 500 रुपए में खरीदा। खबर में बताया गया है कि एक अनिल ने पहले न्यूज पेपर से उनका नाम, नंबर और ईमेल एड्रेस देने को कहा। इसके बाद एक नंबर दिया, जिसपर 500 रुपए ट्रांसफर करने को कहा। जब 500 रुपए ट्रांसफर कर दिए गए तो अनिल ने उन्हें एक गेटवे और लॉग-इन पासवर्ड दिया। इसमें लॉग-इन करने के बाद सिर्फ किसी का भी आधार नंबर डालने की जरूरत है और उसकी जानकारी मिल जाएगी।

300 रुपए में प्रिंट भी निकाल सकते हैं

न्यूज पेपर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस आधार डेटा का भी प्रिंट भी लिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए फिर 300 रुपए देने होंगे। खबर में कहा गया है कि इसके बाद अनिल कुमार से आधार डेटा का प्रिंट निकालने की बात कही तो उसने फिर 300 रुपए ट्रांसफर करने को कहा। पैसे ट्रांसफर होते ही उसने एक नया सॉफ्टवेयर दिया, जिसके जरिए आधार डेटा का प्रिंट भी निकाला जा सकता है। इसके बाद अनिल ने काम होते ही सॉफ्टवेयर को डिलीट कर दिया।

6 महीने से चल रहा है ये पूरा खेल

इस स्टिंग में एक बात भी सामने आई है और इसमें कहा गया है कि ये पूरा खेल करीब 6 महीने से चल रहा है। दरअसल, 6 महीने पहले हैकर्स ने एक WhatsApp ग्रुप बनाया और इसके जरिए 3 लाख विलेज लेवल एंटरप्राइज (VLE) को टारगेट किया। ये VLEs मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के कॉमन सर्विस सेंटर स्कीम के तहत आधार कार्ड बनाने और उसमें बदलाव करने का काम करते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तकरीबन 1 लाख से ज्यादा VLE के पास इनवैलिड लग-इन और पासवर्ड है, जिसके जरिए ही ये सब काम हो रहा है।

राजस्थान सरकार की वेबसाइट हैक!

ऐसा भी माना जा रहा है कि हैकर्स ने राजस्थान सरकार की वेबसाइट को हैक कर लिया था और इसी से ही उन्हें आधार डेटा को प्रिंट कराने का सॉफ्टवेयर मिला। हालांकि अभी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है कि ये आधार डेटा प्रिंट कराने का सॉफ्टवेयर राजस्थान सरकार की वेबसाइट से लिया गया है या कहीं और से। इस खबर से एक बात साफ हो गई है कि आधार पूरी तरह से "सेफ" नहीं है और इससे जानकारी हासिल की जा सकती है। 

UIDAI ने खारिज किया

 

 

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से गलत बताया है। UIDAI ने ट्वीट कर बताया कि "500 रुपए, 10 मिनट और आपके पास 1 अरब आधार की जानकारी" की रिपोर्ट सही नहीं है। UIDAI भरोसा दिलाता है कि आपका डेटा पूरी तरह से सेफ है।" 

Created On :   4 Jan 2018 12:37 PM IST

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