राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ, जस्टिस गोगोई बने भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश

राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ, जस्टिस गोगोई बने भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश
हाईलाइट
  • असम में NRC का फैसला जस्टिस गोगोई ने दिया था
  • जस्टिस रंजन गोगोई की छवि ईमानदार और सख्त जज की है
  • जस्टिस रंजन गोगोई भारत के 46वें CJI बने

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जस्टिस रंजन गोगोई को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने (बुधवार को) चीफ जस्टिस पद की शपथ दिलाई, जिसके बाद वो देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। जस्टिस गोगोई पूर्वोत्तर से चीफ जस्टिस बनने वाले पहले जस्टिस हैं। उनका कार्यकाल 13 महीने का होगा। बता दें कि असम में NRC का फैसला जस्टिस गोगोई ने दिया था। उनकी छवि ईमानदार और सख्त जज की है। वे अवमानना के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू को भी तलब कर चुके हैं।

इस साल12 जनवरी को जिन 4 वरिष्ठ जजों ने पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस की थी, जिसमें जस्टिस रंजन गोगोई भी शामिल थे। इस प्रेस कांफ्रेंस में जजों ने सुप्रीम कोर्ट में काम के बंटवारे पर सवाल उठाए थे। ये भी माना जा रहा था कि जस्टिस दीपक मिश्रा गोगोई के नाम की सिफारिश न करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बता दें कि जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था, कोर्ट ने कहा था कि अगले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति में दखल का यह सही मंच नहीं है। 

वकीलों से भी कम संपत्ति, खुद की गाड़ी भी नहीं 
जस्टिस रंजन गोगोई संपत्ति के मामले में वरिष्ठ और नामी वकीलों के सामने कहीं नहीं ठहरते। उनके पास सोने की कोई ज्वैलरी नहीं है। उनके पास अपना वाहन भी नहीं है। उनकी शेयर मार्केट और स्टॉक में भी कोई रूचि नहीं है। उन पर कोई कर्ज, लोन या बिल बकाया नहीं है। जस्टिस गोगोई और उनकी पत्नी के पास कुल 30 लाख रुपए की संपत्ति है। देश के मशहूर वकील एक दिन में 50 लाख रुपए तक कमा लेते हैं, जबकि कुछ समय पहले तक एक जज की तनख्वाह 1 लाख रुपए महीना थी, जिसे बढ़ाकर अब 2.5 लाख रुपए किया गया है। 

वकालत से शुरू किया करियर

1978- जस्टिस रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। उन्होंने संवैधानिक, कराधान और कंपनी मामलों में गुवाहाटी हाईकोर्ट में वकालत की।

2001- 28 फरवरी 2001 में गोगोई को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

2010-  9 सितंबर 2010 को उनका तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में किया गया। 

2011- जस्टिस गोगोई को 12 फरवरी 2011 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 

2012-  23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति हुई। 

Created On :   3 Oct 2018 8:39 AM IST

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