महाराष्ट्र लिंचिंग: पुलिसकर्मी बर्खास्त, 2 अन्य हुए सेवानिवृत्त

Maharashtra lynching: Policeman sacked, 2 others retired
महाराष्ट्र लिंचिंग: पुलिसकर्मी बर्खास्त, 2 अन्य हुए सेवानिवृत्त
महाराष्ट्र लिंचिंग: पुलिसकर्मी बर्खास्त, 2 अन्य हुए सेवानिवृत्त
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  • महाराष्ट्र लिंचिंग: पुलिसकर्मी बर्खास्त
  • 2 अन्य हुए सेवानिवृत्त

पालघर (महाराष्ट्र), 31 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने 16 अप्रैल को हुई पालघर लिंचिंग मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए गिरफ्तार सिपाही को बर्खास्त करने के साथ दो अन्य को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने सोमवार को दी।

गौरतलब है कि पालघर लिंचिंग मामले में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की जान चली गई थी।

पालघर के पुलिस प्रवक्ता सचिन नवाडकर ने आईएएनएस को बताया, विभागीय जांच के बाद तत्काल प्रभाव से सहायक सब इंस्पेक्टर आनंदराव काले को बर्खास्त और उनके सहयोगियों एपीआई रवि सालुंके और कांस्टेबल नरेश धोडी को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया है।

इस मामले में कोंकण रेंज के पुलिस महानिरीक्षक निकेत कौशिक द्वारा शनिवार को देर से बर्खास्तगी और सेवानिवृत्ति के आदेश जारी किए गए।

घटना के बाद एक बड़े फेरबदल के तौर पर अप्रैल-मई में दो पुलिसकर्मियों -- सुधीर कटारे और संतोष मुक्ने को तत्कालीन पालघर पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने निलंबित कर दिया था, जबकि कासा पुलिस स्टेशन के 35 अन्य पुलिस कर्मियों को जिले के अन्य हिस्सों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

वहीं, लिंचिंग वाले स्थान, कासा के गडचिंचाले गांव के दौरे के दौरान गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एसपी सिंह को अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया और उन्हें अब तक अपनी पोस्टिंग का इंतजार है।

बीते 16 अप्रैल की रात को पीड़ित जूना अखाड़ा के कल्पवृक्षगिरी महाराज (70), उनके सहायक सुशीलगिरी महाराज (35) और उनके वाहन चालक 30 वर्षीय नीलेश तेलगाड़े जब लॉकडाउन के दौरान एक अंतिम संस्कार के लिए मुंबई से सूरत के लिए जा रहे थे, तभी वे मॉब लिंचिंग के शिकार हुए थे।

उन्हें गलती से लुटेरा और अपहरणकर्ता समझ 800 से अधिक आदिवासियों और ग्रामीणों की भारी भीड़ ने उन पर पत्थर, लाठी से हमला किया था। बाद में तीनों की गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई थी।

मामले को बाद में राज्य के सीआईडी को सौंप दिया गया। सीआईडी ने दहानू मजिस्ट्रेट कोर्ट में 126 आरोपियों के खिलाफ तीन चार्जशीट दायर किए थे। इसमें 11 किशोर और 28 अन्य शामिल थे, जिनके खिलाफ अभी भी जांच चल रही है।

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी रोग अधिनियम, महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, महाराष्ट्र सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान (संशोधन) पहुंचाने संबंधी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या, हत्या का प्रयास, सशस्त्र दंगा करने, आपराधिक बल का उपयोग करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

एमएनएस-एसकेपी

Created On :   1 Sep 2020 6:20 AM GMT

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