MODI@4: सरकार की इन 10 योजनाओं ने बटोरी तारीफें, जानिए क्या खोया, क्या पाया
- केन्द्र में पीएम मोदी की सरकार को आज 4 साल पूरे हो गए हैं।
- मुद्रा योजना
- सॉइल हेल्थ कार्ड योजना
- उजाला योजना
- डिजिटल इंडिया
- भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क
- दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
- स्वच्छ भारत अभियान
- प्रधानमंत्री जन धन योजना
- उज्ज्वला योजना
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र में पीएम मोदी की सरकार को आज 4 साल पूरे हो गए हैं। मोदी सरकार के इन चार सालों के कार्यकाल में बहुत कुछ घटा। देश की जनता ने नोटबंदी देखी, नया टैक्स सिस्टम (GST) देखा और पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक भी देखी। इन चार सालों में कुछ चीजों को लेकर पीएम मोदी को सराहना मिली तो कुछ को लेकर वे निशाने पर रहे। पाकिस्तान को उसी की शैली में जवाब देना, कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना को फ्री हैंड देना, विदेश यात्राओं के जरिए कूटनीतिक सम्बंध मजबूत करना, देश में स्वच्छता आंदोलन खड़ा करना। इन सब बातों के लिए पीएम मोदी देश की जनता के द्वारा काफी सराहे गए, लेकिन इन सब के बीच कई ऐसी घटनाएं भी हुईं, जिन्हें लेकर जनता ने मोदी सरकार की आलोचना भी की। गाय के नाम पर हुई हत्याएं, देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंदू-मुसलमान दंगे, दलितों पर अत्याचार की घटनाएं आदि ने उन्हें आलोचना झेलने पर मजबूर किया।
मोदी सरकार पर हिंदू कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और मुस्लिम विरोधी योजनाएं लाने, आरक्षण खत्म करने और देश के इतिहास से छेड़खानी करने के भी आरोप लगे। मोदी सरकार पर ये भी आरोप लगे कि उन्होंने साल 2014 में देश की जनता को जो सपने दिखाए थे, वे सब झूठे थे। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि पीएम मोदी जिन वादों के सहारे केन्द्र की सत्ता पर काबिज हुए थे, उन्हें पूरा करने में वे पूरी तरह नाकामयाब रहे हैं। बहरहाल, चार साल पहले उन्होंने देश की जनता से जो वादे किए थे, वो कितने पूरे हुए, इस पर चर्चा तो चलती रहेगी लेकिन हम यहां उनकी कुछ ऐसी योजनाएं लेकर आए हैं, जिन्होंने वास्तव में जनता को राहत पहुंचाई है। पीएम मोदी की ऐसी 10 खास योजनाएं...
स्वच्छ भारत अभियान
देश को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए पीएम मोदी का यह सबसे अहम अभियान है। इसे गांधी जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर 2014 को लॉन्च किया गया था। इसे पीएम मोदी ने योजना का नाम न देते हुए एक मिशन का नाम दिया। लक्ष्य था कि देश की जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाने के लिए एक आंदोलन चलाया जाए। पीएम मोदी की यह योजना कामयाब भी हुई है। देश के कई हिस्से खुले में शौच मुक्त हो गए हैं। अब लोग भी कूड़ा-करकट खुले में फेंकने की बजाय डस्टबिन में फेंकते हैं। खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अप्रैल 2018 तक करीब 49 लाख शौचालय बनवाए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री जन धन योजना
28 अगस्त 2014 को लॉन्च हुई इस योजना का लक्ष्य गरीब लोगों को बैंक से जोड़ना था ताकि सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिजी सीधे जनता तक पहुंच सके। इस योजना की गिनती नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे ज़्यादा कामयाब योजनाओं में की जाती है। अब तक इस योजना के तहत 30 करोड़ से ज्यादा लोगों के खाते बैंक में खोले गए हैं।
उज्ज्वला योजना
1 मई 2016 को लॉन्च हुई इस योजना का लक्ष्य गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन देना है ताकि महिलाओं को चुल्हें के धुएं से छुटकारा मिल सके। बताया जाता है कि अब तक इस योजना के जरिए 4 करोड़ गरीब परिवारों को फ्री एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
यह योजना 9 मई, 2015 को लॉन्च की गई थी। यह योजना दो लाख रुपए तक का जीवन बीमा प्रदान करती है। इस योजना के तहत मिलने वाली पॉलिसी को हर साल नवीकृत करना होता है, और उसके लिए 330 रुपए की प्रीमियम राशि देनी होती है। इसके अलावा सर्विस टैक्स और बैंकों की एडमिनिस्ट्रेटिव फीस के तौर पर 41 रुपए भी चुकाने होते हैं।
मुद्रा योजना
देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह योजना लाई गई। इसका लक्ष्य युवाओं से अपना कारोबार स्थापित करने के लिए प्रेरित करना था। इस योजना के तहत सरकार की ओर से ऋण उपलब्ध कराया जाता है, ताकि लोग अपना व्यापार शुरू कर सकें या पहले से स्थापित व्यापार का विस्तार कर सकें। सरकार का दावा कि इस योजना के तहत मई, 2018 तक 12 करोड़ 78 लाख रुपए का ऋण वितरित किया जा चुका है।
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना
किसानों की आय दुगना करने का लक्ष्य लेकर चल रही मोदी सरकार ने यह योजना किसानों की मदद के लिए लॉन्च की थी। इस योजना के तहत कृषि भूमि की मिट्टी का हेल्थ कार्ड बनाया जाता है, जिससे किसानों को जमीन की उपजाऊ शक्ति समझने में मदद मिलती है। किसान सॉइल हेल्थ कार्ड से यह भी जानने में मदद मिलती है कि उनकी कृषि भूमि को किस फसल के लिए कितना यूरिया और खाद की जरूरत होगी।
उजाला योजना
बिजली की खपत कम करने के उद्देश्य से इस योजना को लाया गया। उजाला योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर LED बल्ब उपलब्ध करवाए गए। लोगों से अपील भी की गई कि साधारण बल्बों, ट्यूबलाइटों और सीएफएल की जगह LED बल्बों का इस्तेमाल करें। केन्द्र सरकार का दावा है कि इस योजना के तहत मई, 2018 तक 29,96,35,477 LED बल्ब बांटे गए हैं।
डिजिटल इंडिया
पीएम मोदी ने यह योजना 1 जुलाई 2015 को लॉन्च की थी। इसका लक्ष्य था कि बिना कागज के इस्तेमाल सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुंच सकें। इस योजना का फायदा यह हुआ कि सरकार की 400 से अधिक योजनाओं में अब डिजिटल भुगतान किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि इस योजना की मदद से 57 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि को गलत हाथों में जाने से बचाया गया है।
भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क
वर्तमान में इंटरनेट के बढ़ते उपयोग और भविष्य में संभावित जरूरत को देखते हुए भारत सरकार ने पूरे देश में इंटरनेट पहुंचाने का लक्ष्य रखा। इसके लिए भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क योजना लाई गई। इसका लक्ष्य था कि देश के हर गांव, हर घर में इंटरनेट सेवा मुहैया कराई जा सके। देश के हर हिस्से को तकनीकी फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने ऑप्टिकल फाइबर के जरिये देश को नेट-कनेक्टिविटी से जोड़ना शुरू किया। आंकड़ों के मुताबिक मई, 2018 तक देश के 1,15,703 गांवों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
नरेन्द्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री पद संभाला तब देश के कई क्षेत्र ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। इसी तस्वीर को बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू की ताकि देश के हर गांव में बिजली पहुंचाई जा सके। इस योजना के तहत उन 18,374 गांवों में बिजली पहुंचाई गई है, जहां अब तक बिजली नहीं थी।
Created On :   26 May 2018 12:36 AM IST