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दैनिक भास्कर हिंदी: तीन वैज्ञानिकों को मिला चिकित्सा का नोबेल, खोज से मिलेगी एनीमिया-कैंसर के इलाज में मदद

हाईलाइट
- तीन वैज्ञानिकों मिला चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार
- 14 अक्टूबर तक होगी बाकी क्षेत्रों के लिए घोषणा
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। दुनिया के प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार की घोषणा सोमवार से शुरू हो गई है। इस बार चिकित्सा के नोबल पुरस्कार के लिए तीन वैज्ञानिकों को सामूहिक रूप से चुना गया है। यह पुरस्कार अमेरिका के विलियम जी.केलिन जूनियर, ग्रेग सेमेन्जा और ब्रिटेन के सर पीटर जे. रैटक्लिफ को दिया जाएगा। बता दें कि मंगलवार को भौतिकी और 14 अक्टूबर तक कुल 6 क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नामों का ऐलान होगा।
BREAKING NEWS:
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2019
The 2019 #NobelPrize in Physiology or Medicine has been awarded jointly to William G. Kaelin Jr, Sir Peter J. Ratcliffe and Gregg L. Semenza “for their discoveries of how cells sense and adapt to oxygen availability.” pic.twitter.com/6m2LJclOoL
तीनों विज्ञानिकों की खोज
इस वर्ष के चिकित्सा नोबेल पुरस्कार प्राप्त तीनों वैज्ञानिको ने पता लगाया है कि ऑक्सीजन का स्तर किस तरह हमारे मेटाबोलिज्म और शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करता है। इस खोज एनीमिया, कैंसर और अन्य बीमारियों के उपचार में मदद मिलेगी।
चिकित्सा नोबेल से जुड़ी खास बात
साल 1901 से 2018 के बीच कुल 216 लोगों को चिकित्सा नोबेल से सम्मानित किया गया है। अबतक कुल 12 महिलाओ को मेडिसिन में नोबेल दिया गया है। फ्रेडरिक जी. बैंटिंग (32) सबसे युवा चिकित्सा पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिक है। वहीं पेटोन राउस (87) सबसे बुजुर्ग चिकित्सा पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिक है।
क्या मिलता है नोबेल पुरस्कार में ?
नोबेल पुरस्कार विजेता को साढ़े चार करोड़ रुपए राशि दी जाती है। वहीं 23 कैरेट सोने से बना 200 ग्राम का मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाता है। पदक के एक तरफ अल्फ्रेड नोबल की छवि, उनका जन्म और मृत्यु की तिथि लिखी होती है। जबकि दूसरी तरफ यूनानी देवी आइसिस का चित्र, रॉयल एकेडमी ऑफ सांइस स्टॉकहोम और पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति की जानकारी होती है।
भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता
- रवींद्रनाथ टैगौर (साहित्य) 1913
- चंद्रशेखर वेंकटरमन (विज्ञान) 1930
- मदर टेरेसा (शांति) 1979
- अमत्य सेन (अर्थशास्त्र) 1998
- कैलाश सत्यार्थी (शांति) 2014
नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का कार्यक्रम
- भौतिकी : 8 अक्टूबर
- रसायन शास्त्र : 9 अक्टूबर
- साहित्य : 10 अक्टूबर
- शांति : 11 अक्टूबर
- अर्थशास्त्र : 14 अक्टूबर
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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