राम सेतु मामला : SC ने 6 हफ्ते में मांगा जवाब, सरकार साफ करें इसे बचाना है या नहीं

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सेतुसमुद्रम नौवहन नहर परियोजना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दायर करने के लिए सरकार को 6 हफ्ते का समय दिया है। इस हलफनामे के साथ अब केंद्र सरकार को ये साफ करना है कि वो इसे हटाना चाहती है या इसे संरक्षित करना चाहती है। आपको बता दें इससे पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी राम सेतु मामले में सरकार को अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने का निर्देश देने के लिए दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई चाहते थे। जस्टिस दीपक मिश्रा, सी पंत और धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय बेंच के समक्ष स्वामी ने अपनी याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था। इसी अनुरोध पर आज बेंच ने कहा कि इसमें सरकार को पहले हलफनामा दाखिल करना चाहिए।
SC ने कहा कि तय वक्त के अंदर सरकार को राम सेतु पर अपना स्टैंड साफ करना होगा। सरकार को ये बताना होगा कि वो राम सेतु को हटाना चाहते हैं या उसे बचाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आने वाला इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (ICHR) पौराणिक मार्ग राम सेतु के मिथ को लेकर रिसर्च कर रहा है। तमिलनाडु और श्रीलंका के तटों के बीच बना ये ब्रिज तब विवाद का कारण बना था, जब यूपीए सरकार ने सेतुसमुद्रम नौवहन नहर परियोजना की योजना बनाई थी। सेतु को लेकर विभिन्न हिन्दू संगठनों का दावा है कि इसे भगवान राम की "वानर सेना" ने बनाया जबकि कुछ का तर्क दिया है कि ये केवल चूने की शेल पर अपने-आप बनी एक श्रृंखला है।
साल 2014 में इस मामले पर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि किसी भी हाल में राम सेतु तोड़ा नहीं जाएगा। सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा था, "हम किसी भी हालत में राम सेतु को नहीं तोड़ेंगे। राम सेतु को बचाकर देश हित में प्रोजेक्ट हो सकता है तो हम करेंगे।"
Created On :   13 Nov 2017 12:57 PM IST