बाबरी विध्वंस मामले में आरोपियों को बरी करने पर पाकिस्तान ने की निंदा
- बाबरी विध्वंस मामले में आरोपियों को बरी करने पर पाकिस्तान ने की निंदा
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में एक भारतीय अदालत की ओर से बुधवार को सभी 32 अभियुक्तों को बरी किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक शर्मनाक फैसला करार दिया।
पाकिस्तान की भारत के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने की पुरानी आदत रही है। अब बाबरी विध्वंस मामले में भारतीय अदालत के फैसले पर भी पाकिस्तान की बौखलाहट देखने को मिली है। पाकिस्तान ने अदालत के फैसले की निंदा करने के साथ ही मोदी सरकार और इसकी कथित हिंदुत्व विचारधारा पर भी कड़ा प्रहार किया है।
पाकिस्तान ने भारत के राष्ट्रीय संस्थानों पर हमला बोलते हुए कहा कि इसने हिंदू विचारधारा के आगे घुटने टेक दिए हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, 1992 में अयोध्या में सदियों पुरानी बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए जिम्मेदार अपराधियों को आज शर्मनाक तरीके से बरी करने पर पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है।
चौधरी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भारत की विशेष सीबीआई अदालत की ओर से सुनाए गए फैसले को त्रुटिपूर्ण करार दिया और भारत के सभी राष्ट्रीय संस्थानों में चरमपंथी हिंदुत्व विचारधारा की आलोचना की।
मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए चौधरी ने कहा कि अयोध्या निर्णय एक दुखद याद दिलाता है कि हिंदुत्व विचारधारा ने न्याय और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के सिद्धांतों को उलट दिया है।
उन्होंने कहा, न्यायपालिका का निर्णय इस तथ्य का दुखद स्मरण है कि फासीवादी भाजपा-आरएसएस शासन के तहत, चरमपंथी हिंदुत्व विचारधारा न्याय और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के सभी सिद्धांतों पर वरीयता बरतती है।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान, भारत सरकार से अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों और उनके प्रार्थना स्थलों की रक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता है।
गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। इसी फैसले पर पाकिस्तान की बौखलाहट सामने आई है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने आरोप लगाते हुए कहा, आपराधिक कृत्य पर निर्णय लेने के लिए लगभग तीन दशक का समय लिया गया, जो कि सुनियोजित रथ यात्रा के परिणामस्वरूप हुआ और यह आरोपी भाजपा, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) परिवार के अन्य नेताओं द्वारा भीड़ को भड़काने के परिणामस्वरूप हुआ।
बयान में कहा गया है कि यह फैसला दुनिया को बताता है कि हिंदुत्व से प्रेरित भारतीय न्यायपालिका न्याय सुनिश्चित करने में बुरी तरह विफल रही है।
बयान में कहा गया है, मस्जिद के विध्वंस के परिणामस्वरूप भाजपा की अगुवाई में सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें हजारों हत्याएं हुईं।
भारतीय अदालत द्वारा दिए गए फैसले को पाकिस्तानी मीडिया ने भी प्रमुखता के साथ कवरेज दी है।
एकेके/एएनएम
Created On :   2 Oct 2020 5:01 PM IST