लोकसभा स्पीकर ने स्वीकार किया सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, शुक्रवार को होगी चर्चा
- विपक्ष करेगा सरकार का घेराव।
- संसद का मानसून सत्र आज।
- सरकार के सामने 67 से ज्यादा बिलों को पास करवाने की चुनौती।
डि़जिटल डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार को संसद के मॉनसून सत्र का आगाज हो गया। सत्र की शुरुआत विपक्ष के हंगामे के साथ हुई। सदन में विपक्ष ने मॉब लिंचिग को लेकर प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की। बीजेपी के आत्मविश्वास को चुनौती देने के लिए विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का दांव खेला है। अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार चर्चा के लिए तैयार हो गई है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। लोकसभा में शुक्रवार और राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर सोमवार को चर्चा होगी।
18 दिनों तक चलने वाले सत्र में सरकार दोनों सदनों में अटके 67 बिलों को पास करने की उम्मीद जता रही है। विपक्ष कई मोर्चों पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारियों में जुटा है। दरअसल, ये मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम मॉनसून सत्र है, ऐसे में विपक्ष आगामी चुनावों को देखते हुए कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगा। जिनमें महिला आरक्षण, मॉब लिंचिंग, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत, एससी-एसटी एक्ट में बदलाव, ट्रिपल तलाक, भगोड़ा कानून, जम्मू-कश्मीर, मुस्लिम विवाह संरक्षण बिल विपक्ष की रणनीति में शामिल है। 18 जुलाई से 10 अगस्त तक सत्र चलेगा। इनमें 6 दिन छुट्टी के हैं। सरकार के पास अहम बिल पास कराने के लिए 18 दिन, यानी 198 घंटे हैं। इस दौरान सरकार बिल भी पास कराना है और विपक्ष को भी जवाब देना है।
LIVE UPDATES
1.45 PM : लोकसभा में शुक्रवार और राज्यसभा में सोमवार को होगी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा
12.17 PM: लोकसभा स्पीकर ने कहा मैं तय करूंगी समय और तारीख
12.16 PM: लोकसभा स्पीकर ने स्वीकार किया अविश्वास प्रस्ताव
12.14 PM: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सरकार तैयार
12.10 PM: लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
12.04 PM: लोकसभा की वेल में आकर टीडीपी सांसदों की नारेबाजी, पटल पर रखे जा रहें हैं पत्र
12.05 PM: लोकसभा में सभी सांसदों मे हिमा दास को गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई दी।
12.04 PM: स्पीकर ने लोकसभा में बताया कि कई सांसदों को के त्याग पत्र मिले हैं जिन्हें स्वीकार किया गया है।
12.03 PM: लोकसभा में स्पीकर ने सदन को बताया कि विभिन्न मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव मिले हैं लेकिन किसी के भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया है।
12.02 PM: राज्यसभा में सभापति ने टीडीपी सांसद से कहा कि आप मुझ पर हुक्म नहीं चला सकते। उन्होंने कहा कि लंबे अंतराल के बाद प्रश्न काल हो रहा है इसमें बाधा न डालें।
12.01 PM: राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू
11.49 AM: लोकसभा में टीडीपी सांसद नारेबाजी कर रहे है, मंत्री सांसदों के प्रश्नों का जवाब दे रहे हैं
11.45 AM : लोकसभा में समाजवादी पार्टी और टीडीपी सांसदों का वेल में हंगामा जारी
11.40 AM : लोकसभा में कांग्रेस सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रखी अविश्वास प्रस्ताव की पेशकश
11.40 AM : राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित। आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस देने को लेकर टीडीपी सांसद कर रहे थे हंगामा
11.15 AM : लोकसभा में लगे "We want justice" के नारे
11.15 AM : लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मॉब लिंचिंग से देशभर में हुई हत्या का मुद्दा उठाया। विपक्ष प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग कर रहा है।
10.45 AM : सदन पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने कहा है कि देश के कई महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा होना जरूरी है। आशा करता हूं कि सभी राजनीतिक दल सदन के समय का पूरा उपयोग करेंगे।
मैं आशा करता हूं कि सभी राजनीतिक दल सदन के समय का सर्वाधिक उपयोग देश के महत्वपूर्ण कामों को आगे बढ़ाने में करेंगे: प्रधानमंत्री @narendramodi
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) July 18, 2018
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External Affairs Minister Sushma Swaraj and Home Minister Rajnath Singh arrive in Parliament. #MonsoonSession pic.twitter.com/1CS586pC31
— ANI (@ANI) July 18, 2018
महिलाओं के विषय से जुड़े बिल को लेकर लोकसभा स्पीकर ने भी अपनी ओर से पहल की है। महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का प्रयास करते हुए सरकार ने महिला आरक्षण, एक बार में तीन तलाक और निकाह हलाला संबंधी विधेयकों को संसद से पारित करने में सहयोग करने की मुख्य विपक्षी दल से अपील की। मंगलवार को कांग्रेस के दफ्तर में विपक्षी दलों की बैठक हुई, जिसमें सरकार को घेरने की तैयारी की गई। इसमें अविश्वास प्रस्ताव पर 12 दलों ने सहमति भी जताई। मॉनसून सत्र के दौरान ही राज्यसभा में उप-सभापति का चुनाव होगा। इसी सत्र में पीजे कुरियन का कार्यकाल पूरा हो रहा है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक और निकाह हलाला के चलन से न केवल मुस्लिम महिलाओं के साथ असमान व्यवहार हुआ बल्कि उनकी गरिमा से भी समझौता किया गया। राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि वह 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराएं। पत्र में उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक को पारित कराने में सरकार का पूरा सहयोग करेगी।
रविशंकर प्रसाद ने महिला आरक्षण विधेयक की मियाद खत्म होने को लेकर भी पिछली संप्रग सरकार पर हमला बोला उन्होंने कहा, ‘सरकार पूरी तरह से समझना चाहेगी कि संप्रग सरकार द्वारा तीन सालों तक लोकसभा में बिल क्यों नहीं लाया गया और क्यों इसकी मियाद समाप्त होने दी गई। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में बाधाओं के बावजूद भाजपा और राजग विधेयक के समर्थन में खड़े थे।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मॉनसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा कि इन विधेयकों को पारित कराने के अलावा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्ज प्रदान करने के लिए उनकी पार्टी को भाजपा के साथ हाथ मिलाना चाहिए। विधानमंडलों में आरक्षण और निजी कानून आदि उनके मंत्रालय से ही संबंधित हैं। वह राहुल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। राहुल ने इस पत्र में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए विधेयक लाए जाने की बात की थी।
सरकार भगोड़ा आपराधिक अध्यादेश, वाणिज्यिक अदालत से जुड़ा अध्यादेश, आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश, होम्योपैथिक केन्द्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अध्यादेश, दिवालियापन और दिवाला संहिता (संशोधन) अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। ट्रिपल तलाक विधेयक राज्यसभा में लंबित है। इसे पास कराना सरकार की प्राथमिकता रहेगी। सोमवार को ही केंद्र इसके संकेत दे चुका है।
बीते 18 सालों में काम के लिहाज से लोकसभा और राज्यसभा का सत्र बिना परिणाम वाला सबसे खराब सत्र रहा है। लोकसभा में कुल 23% और राज्यसभा में 28% कामकाज हुआ। लगातार हंगामे की वजह से दोनों सदनों के 250 घंटे बर्बाद हो गए। इसमें आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग, कावेरी जल विवाद, नीरव मोदी और एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, मूर्तियां तोड़ने जैसे मुद्दों पर कांग्रेस, टीडीपी और एआईएडीएमके समेत विपक्षी पार्टियों ने हंगामा किया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कांग्रेस ने संसद चलने नहीं दी। इससे पहले 2000 में लोकसभा में प्रोडक्टिविटी 21% और राज्यसभा की 27% रही थी।
Created On :   18 July 2018 8:31 AM IST