पार्थ चटर्जी ने 2012 में संपत्ति खरीदते समय अपने कॉलेज के दिनों की तस्वीर का इस्तेमाल किया

Partha Chatterjee used a picture from his college days while buying a property in 2012
पार्थ चटर्जी ने 2012 में संपत्ति खरीदते समय अपने कॉलेज के दिनों की तस्वीर का इस्तेमाल किया
पश्चिम बंगाल पार्थ चटर्जी ने 2012 में संपत्ति खरीदते समय अपने कॉलेज के दिनों की तस्वीर का इस्तेमाल किया
हाईलाइट
  • पार्थ चटर्जी ने 2012 में संपत्ति खरीदते समय अपने कॉलेज के दिनों की तस्वीर का इस्तेमाल किया

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर-शांतिनिकेतन में 2012 में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी द्वारा संयुक्त रूप से जमीन खरीदने के दस्तावेज में उनके कॉलेज के दिनों की तस्वीर है।करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितताओं से जुड़े घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी उस एंगल पर विचार कर रहे हैं कि क्या पश्चिम बंगाल के इस पूर्व मंत्री ने जानबूझकर अपनी पहचान छिपाने के लिए कॉलेज के दिनों की तस्वीर जमा की थी?

दरअसल, ईडी के सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी के आकस्मिक निधन के बाद चटर्जी ने अनजाने में पिछले साल नवंबर में सोशल मीडिया पर अपने कॉलेज के दिनों की तस्वीर साझा कर दी थी, जिन्हें पार्थ चटर्जी की ओर से अक्सर उनके राजनीतिक गुरु के रूप में घोषित किया गया है।

पिछले साल मुखर्जी के निधन के बाद, पार्थ चटर्जी ने सुब्रत मुखर्जी के साथ अपने कॉलेज के दिनों की तस्वीर साझा की थी, जब दोनों पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के छात्र विंग, छात्र परिषद के सक्रिय नेता थे। उस तस्वीर में युवा चटर्जी का चेहरा, काले और मोटी फ्रेंच कट दाढ़ी के साथ, उस तस्वीर के समान है, जो उन्होंने जमीन के खरीद दस्तावेज के साथ जमा की थी।

2012 में किए गए भूमि खरीद दस्तावेज से पता चलता है कि अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी के बीच घनिष्ठ संबंध पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री बनने से बहुत पहले शुरू हो गए थे। 2012 में, 34 वर्ष तक शासन करने वाली वाम मोर्चा सरकार को हटाकर सरकार बनाने वाली तृणमूल कांग्रेस के सत्ता संभालने के एक साल बाद, चटर्जी राज्य के वाणिज्य और उद्योग और संसदीय मामलों के मंत्री थे। वह मई 2014 में शिक्षा मंत्री बने और मई 2021 तक उस कुर्सी पर बने रहे।

2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद, चटर्जी को फिर से वाणिज्य और उद्योग विभाग दिया गया और वे इस पद पर 28 जुलाई तक काबिज रहे। इसके बाद घोटाले में घिरने के बाद उनसे मंत्री छीनने के साथ ही पार्टी की जिम्मेदारी भी वापस ले ली गई।

ईडी के सूत्रों ने कहा कि उस जमीन पर अब एपीए नाम की एक आलीशान हवेली है - जिसे अर्पिता के नाम के पहले अक्षर और पार्थ के नाम के पहले दो अक्षरों से लिया गया माना जा रहा है। हालांकि 2012 में जमीन की खरीद का दस्तावेज संयुक्त रूप से पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के नाम था, लेकिन हवेली के निर्माण के बाद 2020 में इसका म्यूटेशन किया गया और वह सर्टिफिकेट मुखर्जी के नाम पर ही जारी किया गया।

(आईएएनएस)

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Created On :   4 Aug 2022 9:30 PM IST

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