अमित शाह के आरोपों पर महबूबा बोलीं- हर फैसले में साथ थी बीजेपी
- महबूबा मुफ्ती ने रविवार को एक के बाद एक लगातार 6 ट्वीट किए।
- मुफ्ती ने कहा कि केंद्र या राज्य के सामने इन मुद्दों को पहले क्यों नहीं उठाया गया।
- मुफ्ती ने कहा कि जम्मू और लद्दाख से भेदभाव के आरोप पूरी तरह से निराधार है।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह के जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने पलटवार किया है। मुफ्ती ने कहा कि जम्मू और लद्दाख से भेदभाव के आरोप पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा कि ये जरूरी था कि घाटी पर ध्यान दिया जाए और अगर ये भेदभाव था तो केंद्र या राज्य के सामने इस मुद्दे को पहले क्यों नहीं उठाया गया।
महबूबा मुफ्ती ने रविवार को एक के बाद एक लगातार 6 ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, कई गलत आरोप हमारे पूर्व सहयोगियों ने हम पर लगाए हैं। हमने गठबंधन के एजेंडा जिसे राजनाथ सिंह जैसे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने बनाया था, को कभी भी हमने टूटने नहीं दिया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बाद भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए हम पर ऐसे आरोप लगाए।
Many false charges levelled against us by our former allies. Our commitment to the Agenda of Alliance, co-authored by Ram Madhav endorsed by senior leaders like Rajnath Ji never wavered. It is sad to see them disown their own initiative label it a "soft approach." 1/6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 24, 2018
दूसरे ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने कहा, आर्टिकल 370 पर यथास्थिति, पाकिस्तान और हुर्रियत से बातचीत गठबंधन के एजेंडा का हिस्सा था। वार्ता को बढ़ावा देने, पत्थरबाजों के खिलाफ केस वापसी और एकतरफा सीजफायर भरोसा बहाल करने के उपायों के तौर पर काफी जरूरी थी। इस पर बीजेपी ने पूरी तरह से समर्थन किया था।
Status quo on Article 370, dialogue with Pakistan Hurriyat were a part of AoA. Encouraging dialogue, withdrawing cases against stonepelters the unilateral ceasefire were much needed measures to restore confidence on the ground. This was recognized endorsed by BJP. 2/6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 24, 2018
तीसरे ट्वीट में भेदभाव के आरोपों का जवाब देते हुए लिखा, जम्मू और लद्दाख से भेदभाव के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। यह जरूर है कि काफी लंबे समय से घाटी के हालात बनते-बिगड़ते रहे और 2014 की बाढ़ के बाद स्थितियां और खराब हुईं। इसीलिए घाटी में विशेष ध्यान देने की जरुरत थी, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की दूसरी जगहों पर कम विकास हुआ।
Allegations of discrimination against Jammu Ladakh have no basis in reality. Yes, the valley has been in turmoil for a long time the floods of 2014 were a setback, therefore needed focused attention. But that does not mean that there was any less development elsewhere. 3/6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 24, 2018
चौथे ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने कैबिनेट के मंत्री रहे बीजेपी के नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, अगर देखना हो तो उन्हें अपने उन मंत्रियों के परफॉर्मेंस की समीक्षा करनी चाहिए, जिन्होंने बड़े स्तर पर जम्मू संभाग का नेतृत्व किया लेकिन अगर भेदभाव जैसी ऐसी चीजें थीं, तो उनमें से किसी ने केंद्र या राज्य के सामने इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की।
Results on the ground for all to see. If anything they should review the performance of their own ministers, who largely represented the Jammu region if there were any such concerns, none among them either at state or central level talked about it during the last 3 years. 4/6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 24, 2018
पांचवे ट्वीट में मुफ्ती ने रसाना रेप और मर्डर केस का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, रसाना रेप और मर्डर केस को सीबीआई के हवाले न करना, बलात्कार का समर्थन करने वाले मंत्रियों को हटाना और गुर्जर, बकरवाल समुदाय को प्रताड़ित न करने वाले आदेश दोनों समुदायों में सुरक्षा की भावना के लिए सीएम के तौर पर मेरी ड्यूटी थी।
Not handing over the Rasana rape murder case to CBI,getting the pro rapist ministers removed also issuing orders not to harass the Gujjar Bakarwal community in the guise of anti encroachment drives were my duties as CM to provide a sense of security to both communities. 5/6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 24, 2018
छटवें ट्वीट में मुफ्ती ने लिखा, शुजात बुखारी के हत्याकांड के बाद बीजेपी के एक विधायक ने घाटी में पत्रकारों को अभिव्यक्ति की आजादी के विषय पर धमकी दी है। ऐसे में अब बीजेपी अपने नेता पर क्या कार्रवाई करने जा रही है। बता दें कि पीडीपी-बीजेपी की गठबंधन सरकार में वन मंत्री रहे बीजेपी नेता लाल सिंह शनिवार को पत्रकारों को ये धमकी दी थी।
After expressing concern about freedom of expression in JK following Shujaat"s murder, their MLA, notorious even punished for his role in the aftermath of the unfortunate Kathua case still threatens journalists belonging to the valley,so what are they going to do about him?6/6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 24, 2018
Created On :   24 Jun 2018 8:17 PM IST