मेहुल का कर्मचारियों को लेटर : दूसरी जॉब ढूंढ लो, सैलरी नहीं दे सकता

PNB Fraud accused Mehul Choksi write a letter to their Employees
मेहुल का कर्मचारियों को लेटर : दूसरी जॉब ढूंढ लो, सैलरी नहीं दे सकता
मेहुल का कर्मचारियों को लेटर : दूसरी जॉब ढूंढ लो, सैलरी नहीं दे सकता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए 11,356 करोड़ रुपए के फ्रॉड के आरोपी गीतांजली जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी ने अपने कर्मचारियों को एक लेटर लिखा है। इस लेटर को शनिवार को मेहुल चौकसी के एडवोकेट संजय एबट ने जारी किया है। इस लेटर में मेहुल ने लिखा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और आखिरी में जीत सच्चाई की ही होगी। कर्मचारियों को लिखे इस लेटर में मेहुल ने ये भी लिखा है कि अब वो सैलरी नहीं दे सकते, इसलिए कोई दूसरी जॉब ढूंढ लें।

मेहुल चौकसी ने अपने लेटर में क्या लिखा ? 

- मैं आपको (कर्मचारियों) ईमेल के जरिए लेटर लिखने के लिए मजबूर हूं, क्योंकि मेरे और हमारे ऑर्गनाइजेशन के खिलाफ डर और अन्याय के हालात पैदा किए जा रहे हैं। हमने अपने कस्टमर्स को हमेशा अच्छी सर्विस देने के लिए ईमानदारी से काम किया, लेकिन अब PNB बैंक और मीडिया में मेरे खिलाफ धोखा देने के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। 

- मुझे पता है कि आप सबने हमारे ऑर्गनाइजेशन को खड़ा करने के लिए कड़ी मेहनत की है, लेकिन इस वक्त में इन्वेस्टिगेटिव एजेंसियों की वजह से कई सारी प्रॉब्लम्स का सामना कर रहा हूं। हालांकि मुझे पता है कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया, लेकिन मुझे अपनी बेगुनाही साबित करने में समय लगेगा और मुझे भरोसा है कि एक दिन सच सबके सामने आएगा।

- मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से मेरे कर्मचारियों को किसी दिक्कत का सामना करना पड़े। मुझे नहीं लगता कि इन्वेस्टिगेटिव एजेंसियां निष्पक्ष जांच कर रही हैं। बल्कि वो तो मेरे कर्मचारियों में एक डर पैदा करने का काम कर रही हैं। 

- इन्वेस्टिगेटिव एजेंसियों ने मेरे बैंक अकाउंट्स और संपत्तियों को जब्त कर लिया है, जिस वजह से मुझे कर्मचारियों को बकाया राशि और सैलरी देने में मुश्किल हो रही है। मैं न ही कर्मचारियों को सैलरी दे सकता हूं और न ही ऑफिस का खर्चा दे सकता हूं। इसलिए मेरी आप सबसे अपील है कि आप कोई दूसरी जॉब ढूंढ लें।

- इसके अलावा ऑफिस की तरफ से दिए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन्स आप अपने पास ही रख सकते हैं। मैंने HR को आपके एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट जारी करने के निर्देश दे दिए हैं। 

- मैं इस बात को फिर कहता हूं कि जब सब कुछ ठीक हो जाएगा, तो मैं आपको बकाया राशि चुका दूंगा।

मेरा धंधा चौपट हुआ, नहीं लौटाउंगा पैसे : मोदी

वहीं इससे पहले PNB स्कैम के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने भी बैंक को लेटर लिखकर पैसा लौटाने से साफ मना कर दिया है। 15-16 फरवरी को मोदी ने एक लेटर लिखकर कहा है कि बैंक की जल्दबाजी के कारण मेरा धंधा चौपट हुआ है और अब बैंक ने रिकवरी के सारे रास्ते बंद कर लिए हैं। मोदी ने अपने लेटर में लिखा कि "बैंक ने 11 हजार करोड़ की देनदारी बताई है, उतनी है ही नहीं। बल्कि ये तो 5000 करोड़ से भी कम की है। मैंने आपको कहा था कि मुझे मेरी संपत्तियों को बेचने की इजाजत दें और अपना लोन रिकवर करें। भारत में मेरे बिजनेस की वैल्यू करीब 6500 करोड़ रुपए है और इससे बैंक का कुछ कर्ज लौटाया जा सकता था, लेकिन अब ये मुमकिन नहीं है, क्योंकि मेरे सारे अकाउंट्स फ्रीज हैं और संपत्तियां सील कर दी गई हैं।" नीरव ने इस लेटर में आगे लिखा कि "इस केस में मेरे भाई, मेरी पत्नी और मेरे अंकल का नाम भी गलत तरीके से जोड़ा गया है। अब जो भी मैंने किया, उसका सामना मैं करूंगा।"

क्या है  PNB घोटाला? 

देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले होने का खुलासा हुआ है। ये घोटाला बैंक की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। इन्हीं फर्जी LOU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों ने PNB को लोन देने का फैसला लिया गया। इस घोटाले को खुलासा तब हुआ, जब PNB के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी में दोबारा से LOU जारी करने की सिफारिश की। नए अधिकारियों ने ये गलती पकड़ ली और घोटाले की जांच शुरू कर दी। बैंक के मुताबिक, जनवरी में इस फर्जीवाड़े का पता चला तो 29 जनवरी को सीबीआई में शिकायत की और 30 जनवरी को FIR दर्ज हो गई।

Created On :   24 Feb 2018 1:03 PM IST

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