बिहार में अब गणतंत्र दिवस की झांकी पर सियासत

Politics in Bihar on Republic Day tableau
बिहार में अब गणतंत्र दिवस की झांकी पर सियासत
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पटना, 3 जनवरी (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस परेड में जल जीवन हरियाली अभियान पर आधारित बिहार सरकार की झांकी के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है। प्रस्ताव के खारिज होने के साथ ही तय हो गया है कि इस साल राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस परेड में बिहार की झांकी नहीं दिखेगी। प्रस्ताव के खारिज होने के बाद बिहार की सियासत गरम हो गई है।

सूत्रों के मुताबिक, बिहार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा गया है कि यह राज्यों की झांकियों के चयन के लिए जरूरी मानकों को पूरा नहीं कर सकी। बिहार की अपनी झांकी राज्य की खासियत पर होनी चाहिए।

कहा जा रहा है कि अब यह झांकी गणतंत्र दिवस पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित समारोह में दिखाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2019 के गणतंत्र दिवस के मौके पर भी राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में बिहार की झांकी नहीं दिखी थी।

बिहार की झांकी खारिज किए जाने को लेकर अब राज्य की राजनीति गरम हो गई है। विपक्षी राजद ने झांकी का प्रस्ताव खारिज होने पर केंद्र की राजग सरकार पर निशाना साधा है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, केंद्र की राजग सरकार बिहार को प्रत्येक मौके पर नीचा दिखाने की कोशिश करती रही है। बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग हो, या पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग, सभी मांगों को खारिज किया गया है।

उन्होंने डबल इंजन पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार को नीचा दिखाने के लिए ही यह डबल इंजन की सरकार है और यही हकीकत है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हरित क्षेत्र और भूजल स्तर को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान में तीन वषरे में 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बिहार ने इसी थीम पर आधारित झांकी का प्रस्ताव दिया था।

Created On :   3 Jan 2020 8:30 AM GMT

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