राष्ट्रपति कोविंद का गुजरात दौरा, साबरमती आश्रम पहुंचे, 'लेकिन नहीं काता सूत'

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुजरात के दो दिवसीय दौरे हैं। राष्ट्रपति के रूप में गुजरात के पहले दौरे में महामहिम रविवार को सबसे पहले सबरबती आश्रम पहुंचे। यहां स्वागत के बाद जब उनसे चरखे पर सूत कातने का आग्रह किया गया तो उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। सूत ना कातने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि इसे चलाने का अधिकार उसे है जो नियमित तौर पर खादी पहनता हो। चूंकि वे ऐसा नहीं करते इसलिए चरखा चलाने और सूत कातने के वो अधिकारी नहीं हैं।
गुजरात से है 45 साल पुराना संबंध
इसके बाद वो संत आचार्य पदमासागर सुरीजी के 83वें जन्मदिवस के अवसर पर मेहसाणा में आयोजित विभिन्न समाज कल्याण कार्यक्रमों के उद्घाटन पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। महामहिम ने समारोह में कहा कि "राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी पहली गुजरात यात्रा है पर इस राज्य से उनका करीब 45 साल पुराना संबंध है। कोविंद ने कहा कि गुजरात में उन्हें सहज अपनेपन का अनुभव होता है और वो राज्य उनके लिए दूसरे घर जैसा है।
सीएम विजय रूपाणी के काम को सराहा
वो पहले भी कई बार गुजरात आते रहे हैं। युवा अवस्था में वो तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ काम कर चुके हैं और उनके साथ भी यहां आ चुके हैं। वो गुजरात के कोने कोने से वाकिफ हैं। यहां उन्हें अपनेपन का सहज अनुभव होता है। भले ही उनका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ हो पर गुजरात उनके लिए दूसरे घर जैसा है।
उन्होंने हाल में उत्तर गुजरात में बाढ के दौरान सीएम विजय रूपाणी के पांच दिन तक वहीं रह कर सरकार चलाने की भी सराहना की। उन्होंने इस मौके पर महात्मा गांधी की न्यास सिद्धांत की चर्चा करते हुए लोगों से ऐसी ही भावना से काम करने का आह्वान किया।


Created On :   4 Sept 2017 9:17 AM IST