10 फरवरी को फिलिस्तीन जाएंगे PM, पहले भारतीय पीएम होंगे मोदी

Prime Minister Narendra Modi to Visit Palestine on February 10
10 फरवरी को फिलिस्तीन जाएंगे PM, पहले भारतीय पीएम होंगे मोदी
10 फरवरी को फिलिस्तीन जाएंगे PM, पहले भारतीय पीएम होंगे मोदी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने फिलिस्तीन के दौरे पर जाएंगे। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के भारत दौरे के बाद पीएम मोदी 10 फरवरी को फिलिस्तीन जाएंगे। इसके साथ ही फिलिस्तीन की यात्रा करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। पीएम मोदी का ये दौरा ऐसे वक्त होने जा रहा है जब इजरायल और फिलिस्तीन के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी फिलिस्तीन से पहले ओमान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भी जाने वाले हैं।


क्यों खास है पीएम का फिलिस्तीन दौरा? 

मीडिया रिपोर्ट् के मताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 फरवरी को फिलिस्तीन के रामल्लाह पहुंचेंगे। पीएम जिस जगह पहुंचेंगे, वो येरूशलम से सिर्फ 8 किलोमीटर दूर है। इसके साथ ही पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है, क्योंकि इस वक्त इजरायल और फिलिस्तीन के बीच रिश्तों में खटास है। पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है, क्योंकि सरकार पर हमेशा से आरोप लगे हैं कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद फिलिस्तीन को नजरअंदाज किया गया। पीएम मोदी का ये दौरा इस गलतफहमी को भी दूर करेगा।

 

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UN में फिलिस्तीन के सपोर्ट में किया है वोट

पिछले साल 6 दिसंबर को अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दी थी। इस फैसले का विरोध दुनियाभर में हुआ और यूनाइटेड नेशन में भी ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ प्रपोजल लाया गया। इस प्रपोजल का सपोर्ट भारत समेत 128 देशों ने किया था। भारत ने फिलिस्तीन के सपोर्ट में और इजरायल-अमेरिका के खिलाफ वोट किया था। हालांकि भारत के इस कदम पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने जरूर किया था।

पिछले साल इजरायल गए, लेकिन फिलिस्तीन नहीं गए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल जुलाई में तीन दिन की यात्रा पर इजरायल पहुंचे थे। उस दौरान दोनों देशों के बीच कई बड़े समझौते हुए थे। इजरायल की यात्रा करने वाले भी मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे। उस वक्त माना जा रहा था कि मोदी इजरायल के बाद फिलिस्तीन जा सकते हैं, लेकिन मोदी नहीं गए थे। जिसके बाद काफी निराशा जताई गई थी। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पीएम मोदी के इस कदम पर सवाल उठे थे और भारत में भी मोदी सरकार पर फिलिस्तीन को नजरअंदाज करने का आरोप लगा था। फिलिस्तीनी मीडिया में भी ये बात उठी थी कि भारत 1947 से चली आ रही पॉलिसी से दूर हो रहा है।

इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ भारत

भारत के संबंध इजरायल और फिलिस्तीन से हमेशा से अच्छे रहे हैं और मोदी सरकार आने के बाद ये संबंध पहले से और बेहतर हुए हैं। इजरायल दौरे पर जाने वाले मोदी पहले भारतीय पीएम थे और अब फिलिस्तीन जाने वाले भी मोदी पहले भारतीय पीएम होंगे। इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर अपनाई गई भारत की इस पॉलिसी को एक्सपर्ट्स "डी-हाइफनेशन" का नाम देते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिस तरह से अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच की लड़ाई को नजरअंदाज कर दोनों देशों से संबंध रखता है। उसी तरह से भारत भी इजरायल और फिलिस्तीन की आपसी तल्खी को नजरअंदाज कर दोनों देशों से रिश्तों को तरजीह देता है।

 

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भारत और फिलिस्तीन का पुराना नाता

1. भारत और फिलिस्तीन के बीच रिश्ते हमेशा से बेहतर रहे हैं। महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फिलिस्तीनियों पर हुए अत्याचार के खिलाफ सबसे पहले लेटर लिखा था। 

2. 1990 तक भारत खुलेआम फिलिस्तीन को सपोर्ट करता रहा है और कई इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स पर भारत ने फिलिस्तीनियों पर हुए अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई है। 

3. भारत में कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के रिश्ते फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) और उनके नेता यासिर अराफात से शुरू से ही अच्छे रहे हैं। यासिर अराफात खुद 1970 के बाद से कई बार भारत आ चुके हैं। बता दें कि अराफात जब पहली बार भारत आए थे, तब जनसंघ ने इसका जमकर विरोध किया था। 

4. इसके अलावा अरब कंट्रीज़ को छोड़कर फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने वाला भारत पहला देश है। 

Created On :   18 Jan 2018 9:17 AM IST

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