'पद्मावत : अब महिलाओं ने दी चित्तौड़गढ़ किले में जौहर की धमकी
डिजिटल डेस्क, जयपुर। फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की फिल्म "पद्मावत" को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब फिल्म पर रोक लगाने के लिए महिलाओं ने जौहर करने की चेतावनी दी है। महिलाओं ने चित्तौड़गढ़ किले के उसी स्थान पर जौहर की धमकी दी है, जहां रानी पद्मिनी ने 16 हजार रानियों और दासियों के साथ जौहर किया था। मालूम हो कि "पद्मावत" को सेंसर बोर्ड से रिलीज के लिए हरी झंडी मिल गई है। फिल्म को आवश्यक बदलाव के बाद 25 जनवरी को रिलीज करने की तैयारी की जा रही है।
राजमार्ग जाम करने की तैयारी
दरअसल, शनिवार को चित्तौड़गढ़ में सर्व समाज की बैठक हुई। इस बैठक में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुर्इं। बैठक में महिलाओं ने साफ कह दिया कि यदि देश में कहीं भी "पद्मावत" रिलीज हुई, तो हम महिलाएं जौहर कर लेंगी। इतना ही नहीं बैठक में ये भी तय किया गया कि 17 जनवरी से राजमार्ग जाम करने के साथ ही रेल यातायात भी अवरूद्ध किया जाएगा। राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि करणी सेना ने पहले 25 और 26 जनवरी को भारत बंद की योजना बनाई थी, लेकिन इस दिन गणतंत्र दिवस होने के कारण अब स्थगित कर दी गई। अब ये आंदोलन 17 जनवरी को होगा। बैठक में राजपूत समाज की महिलाओं के साथ ही अन्य समाजों की महिलाएं भी काफी बड़ी संख्या में शामिल हुई।
प्रतिनिधि मंडल मिलेगा गृहमंत्री से
इस फिल्म की रिलीज पर रोक को लेकर करनी सेना का एक प्रतिनिधि मंडल आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेगा। राजनाथ सिंह ने ये प्रतिनिधि मंडल फिल्म पर रोक लगाने की मांग करेगा। वहीं करणी सेना के प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह ने कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष 16 जनवरी को पीएम मोदी से मिलेंगे। हम उनसे भी फिल्म पर रोक लगाने की मांग करेंगे। इन सभी विरोधों के बावजूद फिल्म की रिलीज पर रोक नहीं लगेगी तो महिलाएं उसी जगह जौहर करेंगी, जहां रानी पद्मिनी ने किया था।
चित्तौड़गढ़ किला बंद करने की तैयारी
चित्तौड़गढ़ जौहर स्मृति संस्थान के महामंत्री भंवर सिंह ने बताया कि एक बार फिर चित्तौड़गढ़ किला बंद करने की तैयारी की जा रही है। सर्व समाज और जौहर स्मृति संस्थान इससे पहले भी चित्तौड़गढ़ किले को दो दिन तक बंद कर चुका है, जिसके कारण हजारों पर्यटकों को वापस लौटना पड़ा था।
आपत्तियों को नजरअंदाज कर फिल्म को हरी झंडी क्यों?
विरोध कर रहे राजपूत समाज ने हाल ही में इस फिल्म की रिलीज को रोकने के लिए सेंसर बोर्ड के सामने प्रदर्शन किया था। राजपूत समाज का सवाल है कि जब कपिल कुमार, अरविंद सिंह मेवाड को स्क्रीनिंग कमेटी में रखा गया, तो उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज कर फिल्म को हरी झंडी क्यों दी गई। फिल्म को लेकर पहले यह अफवाह उड़ाई गई कि इसमें 26 दृष्य काटे गए, लेकिन बाद में सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी ने ही यह साफ कर दिया कि फिल्म में सिर्फ पांच बदलाव के सुझाव दिए गए हैं। बता दें कि फिल्म पद्मापती सिनेमाघरों में 25 जनवरी को प्रदर्शित होने वाली है।
कई राज्यों में नहीं रिलीज होगी फिल्म
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिल्म पद्मावत की रिलीज पर पहले से ही बैन लगा रखा है। ऐसे में सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि इस बैन को हटाया जाएगा लेकिन सीएम ने साफ कर दिया कि फिल्म पद्मावत पर प्रदेश में लगा बैन जारी रहेगा। वहीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी कहा कि फिल्म पद्मावत राजस्थान में रिलीज नहीं की जाएगी। हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भी फिल्म पर बैन लगा दिया गया है।
क्यों हो रहा है विरोध
बता दें कि क्षत्रिय संगठनों का कहना था कि फिल्म में रानी पद्मावती की गाथा से छेड़छाड़ की गई है और वे इसे तब तक रिलीज नहीं होने देंगे जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता कि फिल्म में कुछ भी विवादित नहीं दिखाया गया है। "पद्मावती" अब "पद्मावत" को लेकर कई मंत्री, सांसद, विधायक, नेता भी विरोध जता चुके थे।
Created On :   14 Jan 2018 10:00 AM IST