अनिल अंबानी के खिलाफ दायर हुई याचिका, बकाया चुकाए बिना देश छोड़ने की न दें इजाजत
- अनिल अंबानी और उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों को बिना इजाजत देश छोड़कर न जाने दें- एरिक्सन
- अनिल अंबानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची एरिक्सन
- एरिक्सन का कहना है कि रिलायंस ने 30 सितंबर तक बकाया 550 करोड़ देने का वादा किया था
- जो पूरा नहीं किया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन और स्वीडन की टेलीकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। इस बीच स्वीडन कंपनी के मालिक ने अंबानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि रिलायंस कम्यूनिकेशन देश के कानून का बिल्कुल आदर नहीं करती और दिए आदेश को हल्के में लेती है। उन्होंने हमसे लिया कर्ज अब तक नहीं चुकाया है। ऐसे स्थिति में अनिल अंबानी और उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों को बिना इजाजत देश छोड़कर न जाने दें। एरिक्सन का कहना है कि रिलायंस ने 30 सितंबर तक बकाया 550 करोड़ देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया गया है।
बता दें कि स्वीडन की टेलीकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन ने रिलायंस कम्यूनिकेशन से बकाया रकम न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें बकाया न चुकाने तक रिलायंस के चेयरमैन अनिल अंबानी और कंपनी के दो बड़े अधिकारियों के देश से बाहर जाने पर रोक लगाने की मांग की गई है। हालांकि, रिलायंस कम्युनिकेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बकाया भुगतान के लिए 60 दिन का समय और मांगा है। एक वक्त देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रही रिलायंस कम्युनिकेशन इस समय बुरी तरह से कर्ज में दबी है। रिलायंस कम्युनिकेशन पर करीब 45,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।
जानबूझकर पेमेंट नहीं दे रही है रिलायंस
एरिक्सन यह आरोप लगा चुकी है कि रिलायंस कम्यूनिकेशन जानबूझकर उनकी पहले से अटकी 550 करोड़ रुपये की पेमेंट नहीं दे रही। एरिक्सन ने रिलायंस कम्युनिकेशन के अखिल भारतीय टेलीकॉम नेटवर्क को ऑपरेट और मैनेज करने के लिए 2014 में सात साल की डील की थी। वह अब अपना 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया रिकवर करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि इस वक्त आरकॉम करीब 46 हजार करोड़ के कर्ज में है। बता दें कि मुश्किल वक्त में अनिल अंबानी को उनके भाई मुकेश अंबानी की कंपनी का साथ मिला है। दोनों के बीच हुई डील में अनिल स्पेक्ट्रम, टॉवर, फाइबर आदि बेचेंगे, जिससे उन्हें करीब 25 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं। हालांकि, अभी डील में कुछ दिक्कते हैं, जिनसे निपटा जा रहा है।
क्या पूरा मामला
साल 2014 में रिलायंस कम्युनिकेशन ने स्वीडन कंपनी एरिक्सन के साथ देशभर में टॉवर मेंटिनेंस के लिए डील की थी। ये डील पूरे 7 साल के लिए थी, लेकिन बाद में रिलायंस कम्युनिकेशन का बिजनेस कम हो गया, जिसके चलते कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया। इसी डील को लेकर एरिक्सन का रिलायंस कम्युनिकेशन पर करीब 978 करोड़ रुपया बकाया था, जो बढ़कर 1600 करोड़ रुपये हो गया। जिसका समय पर भुगतान न होने पर एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
Created On :   3 Oct 2018 2:27 PM IST