मोहन भागवत बोले- बाहर वालों ने तो हमें ही बाहर का बता दिया, उनके झांसे में न आएं

RSS chief mohan bhagwat comment on kashmir and akhand bharat
मोहन भागवत बोले- बाहर वालों ने तो हमें ही बाहर का बता दिया, उनके झांसे में न आएं
मोहन भागवत बोले- बाहर वालों ने तो हमें ही बाहर का बता दिया, उनके झांसे में न आएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हम सब अखंड भारत के लोग एक हैं। यहां रहने वाले लोगों का डीएनए 40 हजार वर्षों से एक-सा है। हम खुद को भूल गए, तो बाहर वालों ने हमें ही बाहर का बता दिया और हम उनके झांसे में आ गए। काबुल का पूर्वी हिस्सा, चीन की ढलान से लेकर दक्षिण में श्रीलंका तक पूरा एक देश है। इसे बताने की आवश्यकता नहीं है।   डॉ. वसंतराव देशपांडे सभागृह में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र के तत्वावधान में जम्मू-कश्मीर लद्दाख महाउत्सव के उद्घाटन अवसर पर वे बाेल रहे थे। मंच पर विशेष अतिथि के रूप में मिजोरम के राज्यपाल निर्भय शर्मा, अध्ययन केंद्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष जवाहरलाल कौल, नागपुर की अध्यक्ष मीरा खडक्कार, सचिव चारुदत्त कहू एवं उपाध्यक्ष डॉ. अवतार कृष्ण रैना थे। कार्यक्रम 18 मार्च तक चलेगा।

हमारा अस्तित्व अलग है 
डॉ. भागवत ने कहा कि हम कहते हैं कश्मीर समस्या है, मुझे लगता है यह गलत है। यह सिर्फ भारत की समस्या है, क्योंकि वह बाहर से आकर स्थापित नहीं हुई। मैं व कोई और व्यक्ति तब तक अलग लगते हैं, जब तक हमें उसकी समानता ध्यान में नहीं आती है। संबंध ध्यान में नहीं आता है, तो हम अलग व्यवहार करते हैं। भारतवर्ष में हर जगह विभिन्नता है, प्रदेश से लेकर राज्य और उनके जिलों एवं शहरों में भी। यह दो है ऐसा नहीं है, लेकिन कुछ लोग खुद के लिए इनमें दूरी बनाते हैं। वह कल थे, आज हैं और कल भी रहेंगे, लेकिन हमारा अस्तित्व अलग है, अनेक भाषाएं, संप्रदाय हैं, किन्तु परिचय के अभाव में एकता का भाव खो गया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ने पर पत्र लिखकर कहा कि इस्लाम के नाम पर हिंदुओं का उत्पीड़न गलत है, क्योंकि काशी विश्वनाथ हमारा है। वहीं खुद को द्रविड़ कह कर अलग देश बताने वाले अन्नादुरै मुख्यमंत्री बने और चीन हिमालय पर हमला कर तमिलनाडु का उल्लेख करता है।

कबायलियों को रोकने के लिए कुशक बकुला ने बनाई थी सेना 
डॉ. भागवत ने कहा कि हम एक हैं। इसका प्रमाण है कि पाक से हमला करने के लिए आने वाले कबायलियों को बौद्ध संत कुशक बकुला ने अपनी सेना बनाकर रोक दिया था। हमें युक्ति और शक्ति से काम करना होता है। हमारे देश में शक्ति को नहीं सत्य को मानते हैं, जबकि दुनिया शक्ति को मानती है। जम्मू कश्मीर, लद्दाख में सेना पड़ोसी को शक्ति से समझाती है, क्योंकि वह वही समझते हैं। हमें युक्ति और शक्ति के पीछे भक्ति खड़ी करना है।

कश्मीर भारत का मुकुट है 
राज्यपाल शर्मा ने कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं ऐसा भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। सम्राट अशोक ने श्रीनगरी की स्थापना की थी। वहां हिंदू एवं बौद्धधर्म के अवशेष हैं। गिलगिस्तान देखेंगे, तो हमें पता चलेगा कि कश्मीर भारत का मुकुट है। यह बात महाभारत, पुराण में भी बताई गई है, लेकिन कश्मीर में जहर घोलने की कोशिश की जा रही है कि वह अलग है। मैंने सेना के 40 वर्ष के कार्याकाल में 20 वर्ष जम्मू में बिताए हैं। युवाओं से 2003 में बात की तो पता चला उन्हें बताया गया है कि 1947 में भारत ने हमला कर लूटा और पाकिस्तान की सेना ने उन्हें बचाया। इस भ्रम को दूर करने के लिए मैंने सत्य घटना पर डॉक्यूमेंट्री बनवाई और वहां केबल पर चलवाई।

Created On :   16 March 2018 6:24 AM GMT

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