Farmers protest: SC की गठित कमेटी ने किसान यूनियनों से वर्चुअल मुलाकात की, प्रतिनिधियों ने स्पष्ट राय और सुझाव दिए

SC appointed committee on farm laws virtually met with farmers unions
Farmers protest: SC की गठित कमेटी ने किसान यूनियनों से वर्चुअल मुलाकात की, प्रतिनिधियों ने स्पष्ट राय और सुझाव दिए
Farmers protest: SC की गठित कमेटी ने किसान यूनियनों से वर्चुअल मुलाकात की, प्रतिनिधियों ने स्पष्ट राय और सुझाव दिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त कमेटी ने गुरुवार को किसान यूनियनों और संघों से वर्चुअल मुलाकात की। कमेटी ने किसानों के प्रतिनिधियों से कानूनों पर "अपने विचार खुलकर देने" का अनुरोध किया। यूनियनों ने चर्चा में भाग लिया और "अपनी स्पष्ट राय और सुझाव दिए"।

 

 

12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने गठित की थी कमेटी
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सड़कों पर करीब दो महीने से किसान डटे हुए हैं। इस मसले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को तीनों कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा थी और चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। हालांकि किसान संगठनों ने कमेटी के सदस्यों से मुलाकात करने पर साफ तौर से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि कमेटी के सदस्य पहले से ही कृषि कानूनों के समर्थन में है। इस विरोध के बाद कमेटी के एक सदस्य भूपेंद्र सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया था। 

विरोध के बाद क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट किया कि चार सदस्यीय समिति को गठित करने का मकसद तीन कृषि कानूनों से प्रभावित पक्षों की शिकायत सुनना है और उसने समिति को फैसला करने संबंधी कोई अधिकार नहीं दिया है। चीफ जस्टिन एसए बोबड़े और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने राज्स्थान के किसान संगठन ‘किसान महापंचायत’ की याचिका पर यह स्पष्टीकरण दिया था। संगठन ने कोर्ट की गठित समिति के बाकी बचे तीन सदस्यों को हटाने और इससे खुद को अलग करने वाले भूपेंद्र सिंह मान की जगह किसी और को लाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।

Created On :   21 Jan 2021 11:03 AM GMT

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