रोहिंग्या देश के लिए खतरा, कोर्ट ना दे दखल : केंद्र सरकार

SC to hear plea challenging decision to deport Rohingyas today
रोहिंग्या देश के लिए खतरा, कोर्ट ना दे दखल : केंद्र सरकार
रोहिंग्या देश के लिए खतरा, कोर्ट ना दे दखल : केंद्र सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। केंद्र सरकार ने सोमवार को रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने के लिए SC में 16 पन्नों का हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामे में केंद्र ने कहा कि कुछ रोहिंग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान में आतंकी संगठनों से तार हैं, जो देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के हिसाब से बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं। इसके साथ ही केंद्र ने आशंका जताई कि म्यांमार से अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों के भारत में आने से क्षेत्र की स्थिरता को नुकसान पहुंच सकता है।

भारत में 40 हजार से ज्यादा रोहिंग्या : केंद्र सरकार

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने भारत में अवैध रूप से रह रहे म्यामांर के रोहिंग्या समुदाय के लोगों के भविष्य को लेकर सरकार से अपनी रणनीति बताने को कहा था। सरकार द्वारा रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस म्यांमार भेजने के फैसले के खिलाफ याचिका को सुनने के बाद सरकार से जवाब मांगा था। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 40 हजार से भी ज्यादा है, जो म्यांमार के रास्ते भारत में दाखिल होते हैं। कुछ रोहिंग्या गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, जिनमें हुंडी और हवाला के जरिए लेनदेन भी शामिल है। फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल मानव तस्करी के लिए भी हो रहा है।केंद्र ने कहा है कि कोर्ट को इस मुद्दे को सरकार पर छोड़ देना चाहिए और देशहित में सरकार को नीतिगत फैसले लेने दिया जाए। कोर्ट को इसमें दखल नहीं देना चाहिए, क्योंकि याचिका में जो विषय दिया गया है, उससे भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर विपरीत पर असर पड़ेगा

दो रोहिंग्या शरणार्थियों मोहम्मद सलीमुल्लाह और मोहम्मद शाकिर द्वारा पेश याचिका में रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने की सरकार की योजना को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों का उल्लंघन बताया गया है। दोनों की याचिकाकर्ता भारत में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग में रजिस्टर्ड हैं। इन शरणार्थियों की दलील है कि म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ व्यापक हिंसा के कारण उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी है।

अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को

सुप्रीम कोर्ट रोहिंग्या मामले में अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे करेगा।

भारत को लेकर गलत जानकारी ना फैलाई जाए : किरन रिजिजू

गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से कहा है कि वे रोहिंग्या मुसलमानों के मामले में भारत के खिलाफ झूठी सूचनाएं ना फैलाए। रिजिजू ने ये बयान सुप्रीम कोर्ट में सरकार का हलफनामा पेश करने से पहले दिया। रिजिजू ने कहा कि "रोहिंग्या मुद्दा एक संवेदनशील मामला है। भारत सरकार जो भी करती है, वो देश के हित में होगा। मैं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समिति और दूसरी कमेटियों से अनुरोध करता हूं कि वो भारत के खिलाफ कुछ भी गलत ना फैलाएं।" केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र एक निर्णय लेगा, जो देश के हित में होगा।

Created On :   18 Sep 2017 7:44 AM GMT

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