शिवसेना ने कहा कि देश का इतना बड़ा घाटा करने के बाद भी सत्ता में बैठे लोग विकास का ढोल पीट रहे हैं। नोटबंदी के कारण करीब सवा दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। ये भी एक तरह का भ्रष्टाचार है। आरबीआई के गवर्नर को अदालत में पेश किया जाना चाहिए, क्योंकि वो इस लूट को नहीं रोक पाए। आज के समय में बैंक भी मतवाला बंदर जैसे हो गए हैं। बता दें कि आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी के बाद 99.3 फीसदी नोट फिर से बैंकिंग प्रणाली में लौट आए। रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद अर्थशास्त्री, विपक्ष मोदी सरकार से पूछ रहे हैं कि जब सारा पैसा बैंकिंग सिस्टम में लौट आया तो कालाधन कहां है?
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शिवसेना ने की मनमोहन की तारीफ, मतवाला बंदर शीर्षक से सरकार के खिलाफ लिखा लेख
हाईलाइट
- नोटबंदी पर आरबीआई के रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बाद हर तरफ सरकार की किरकिरी हो रही है।
- विपक्ष के साथ-साथ अब सहयोगी भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाने लगे हैं।
- शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है।
डिजिटल डेस्क, मुंबई।शिवसेना ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की है। पार्टी ने 'मतवाला बंदर' के नाम से एक लेख लिखकर सरकार की आलोचना भी की है। नोटबंदी पर आरबीआई के रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बाद हर तरफ सरकार की किरकिरी हो रही है। विपक्ष के साथ-साथ अब सहयोगी भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाने लगे हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है। शिवसेना ने नोटबंदी पर 'मतवाले बंदर' की कहानी के शीर्षक के साथ एख लेख प्रकाशित किया है। इतना ही नहीं लेख में शिवसेना ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी तारीफ की है। शिवसेना ने कहा, 'जिनकी समझ में अर्थव्यवस्था नहीं आई, उन्होंने मनमोहन सिंह को मूर्ख ठहराया। आज सच सबके सामने आ चुका है।
शिवसेना ने कहा, 'नोटबंदी से देश में अराजकता फैली। प्रधानमंत्री ने देश को बहुत सारे वचन दिए थे। उनका प्रायश्चित करने के लिए अब पीएम क्या करेंगे? शिवसेना ने नोटबंदी को चटपटी लोकप्रियता वाला फैसला बताया। शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा कि नोटबंदी देश की अर्थव्यवस्था चौपट करने वाला फैसला था, जिसपर रिजर्व बैंक ने भी मुहर लगाई।
सामना में प्रकाशित लेख में कहा गया कि आरबीआई के मुताबिक सिर्फ 10 हजार करोड़ के नोट ही रद्द किए गए। इसका मतलब है कि सरकार पहाड़ खोदकर चूहा भी नहीं निकाल पाई। जिस चूहे को मारने में सरकार ने जनता और अपनी तिजोरी का नुकसान किया, दरअसल वह था ही नहीं। किसान परेशान हुए, लोग बैंकों की कतार में खड़े होकर परेशान हुए, जिसके कारण 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

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tiger August 31st, 2018 19:06 IST
saale sab bhadve hain ab Manmohan ki tareef kr rhe ho saali
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।