सोनिया नहीं हुई हैं रिटायर, आज शाम करेंगी विपक्ष की बैठक की अगुवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश का बजट पेश होने के बाद गुरुवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों की एक मीटिंग बुलाई है। ये मीटिंग शाम 5 बजे संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग में शुरू होगी। इस मीटिंग में 17 विपक्षी पार्टियों के शामिल होने की संभावना है। इस मीटिंग की अध्यक्षता भी सोनिया गांधी ही करेंगी और इससे इशारा मिल गया है कि सोनिया 2019 के लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इस मीटिंग में सभी विपक्षी दलों को बुलाया गया है, हालांकि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी इस मीटिंग में शामिल नहीं होंगी।
क्या है इस मीटिंग का मकसद?
दरअसल, बजट के बाद होने वाली इस मीटिंग के कई सियासी मायने देखे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि शाम को होने वाली इस मीटिंग में विपक्ष बजट सेशन की रणनीति और एजेंडा को तय कर सकता है। इसके अलावा इस मीटिंग में ट्रिपल तलाक बिल, सुप्रीम कोर्ट जज विवाद और कासगंज हिंसा जैसे मुद्दों पर भी बातचीत हो सकती है।
क्यों की जा रही है ये मीटिंग?
ऐसा माना जा रहा है कि ये मीटिंग इसलिए की जारी है ताकि ये संदेश दिया जा सके कि पूरा विपक्ष एकजुट है। इसके साथ ही यूपीए की सभी सहयोगी पार्टियों को भी ये मैसेज देने की कोशिश की जाएगी कि अभी भी सोनिया गांधी राजनीति में सक्रिय हैं और अपनी भूमिका निभा रहे हैं। हाल ही में शरद पवार के घर हुई मीटिंग में हिस्सा लेने के बाद कांग्रेस ने कहा था कि "यूपीए की अध्यक्ष अभी भी सोनिया गांधी ही हैं। भले ही राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष हों, लेकिन सोनिया अभी भी राजनीति में सक्रिय हैं।"
कौन-कौन होगा इस मीटिंग में शामिल?
इस मीटिंग में कांग्रेस उन सभी पार्टियों का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेगी, जिन्होंने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में एकजुटता दिखाई थी। इस मीटिंग एनसीपी, डीएमके, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई(एम), सीपीआई, जेएमएम, आरएसपी और केरल कांग्रेस शामिल हो सकती है। इसके साथ ही जेडीयू के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर अंसारी, एनसीपी चीफ शरद पवार, रामगोपाल यादव समेत कई बड़े नेता इस मीटिंग में शिरकत कर सकते हैं।
ममता बनर्जी क्यों नहीं होंगी शामिल?
सोनिया गांधी की तरफ से बुलाई गई इस मीटिंग में वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी। दरअसल, ममता बनर्जी ने कहा है कि "मैं इस मीटिंग में शामिल नहीं हो पाऊंगी क्योंकि पहले से कुछ प्रोग्राम तय हैं।" उन्होंने इसे रेगुलर मीटिंग बताया है, जिसमें टीएमसी की तरफ से नेता मौजूद रहेंगे। हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ममता बनर्जी कांग्रेस से नाराज चल रही हैं और वो पहले ही साफ कर चुकी हैं कि वो दूसरी पंक्ति नेता बनकर नहीं रहेंगी। इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं ने ममता बनर्जी से मिलने के लिए समय मांगा है।
2019 में विपक्ष का चेहरा कौन?
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और विपक्षी पार्टियां भी अब इसकी तैयारियों में जुट गई हैं। कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां इस बात को अच्छे से जानते हैं कि अगर बीजेपी और मोदी का सामना करना है, तो उन्हें एक होना होगा, लेकिन विपक्षी पार्टियों के पास ऐसा कोई नेता नहीं है जो इसे लीड कर सके। इस मीटिंग में विपक्ष अपनी रणनीति तय कर सकता है, ताकि मोदी सरकार को घेरा जा सके। जब तक सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष थीं, तो विपक्ष का चेहरा उन्हें ही माना जा रहा था, लेकिन राहुल गांधी के कांग्रेस की कमान संभालने के बाद विपक्ष के बड़े नेता राहुल को स्वीकार नहीं पा रहे हैं। हालांकि अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, सुप्रिया सुले जैसे युवा नेता राहुल गांधी के साथ खड़े हुए हैं। ऐसे में इस मीटिंग में विपक्ष का चेहरा भी तय किया जा सकता है।
Created On :   1 Feb 2018 9:28 AM IST