यहां एंबुलेंस पर नहीं खाट पर अस्पताल जाते हैं मरीज!

डिजिटल डेस्क, सतना। जिला मुख्यालय से महज 17 किमी की दूरी पर स्थित सोहावल जनपद का तुर्री परसहा गांव हालत खस्ता है। आलम यह है कि यहां बीमार परिजनों को एंबुलेंस या वाहन पर नहीं बल्कि खाट (चारपाई) पर अस्पताल ले जाया जाता है। ग्रामीणों ने सरकार से यहां सड़क समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की मांग की है। ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी भी दी है।
तुर्री परसिहा के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर एसडीएम रघुराजनगर बलवीर रमण को अपनी व्यथा सुनाई। ग्रामीणों ने विकास के नाम पर हमारे गांव में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसा कुछ भी नहीं है। अगर कभी कुछ रकम विकास के लिए मिली भी तो वह सब सरपंच और सचिव के पेट में चली जाती है। शायद यही वजह है कि अभी भी तुर्री परसिहा में लोगों को घुटनों तक कीचड़ में चलना पड़ता है। बीमार लोगों को खटिया पर रख कर दूर अस्पताल ले जाना पड़ता है। बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं। बारिश के दिनों में तो पूरा गांव फंस कर रह जाता है। ग्रामीणों ने एसडीएम को बताया कि पीएम आवास योजना का लाभ देने के लिए भी सरपंच द्वारा सेवा शुल्क मांगा जाता है।
नहीं तो कर लेंगे आत्मदाह
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि अब भी उनकी और उनके गांव की हालत में सुधार पर काम न शुरू हुआ तो मजबूरन वे आत्मदाह कर लेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि जब परेशानी के बीच रोज घुट घुट कर ही जीना है तो इससे बेहतर मर जाना ही होगा। इस स्थिति के लिए भी प्रशासन ही जिम्मेदार होगा।
Created On :   27 July 2017 9:57 AM IST