विवेक मर्डर केस: एक्शन में यूपी सरकार बागी 11 पुलिसकर्मी लाइन अटैच, 2 सस्पेंड
- योगी सरकार ने इस मामले में 11 पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच किया है जबकि 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए है।
- विवेक तिवारी मर्डर केस में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है।
- हत्या के आरोपी प्रशांत चौधरी की पत्नी ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें प्रशांत सभी पुलिसकर्मियों से संयम बनाए रखने की अपील करता नजर आ रहा है।
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। विवेक तिवारी मर्डर केस में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। योगी सरकार ने इस मामले में 11 पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच किया है जबकि 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए है। कुल 13 पुलिसकर्मियों पर योगी सरकार ने कार्रवाई की है। इस बीच हत्या के आरोपी प्रशांत चौधरी की पत्नी ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें प्रशांत सभी पुलिसकर्मियों से संयम बनाए रखने की अपील करता नजर आ रहा है।
योगी सरकार ने ये एक्शन विवेक तिवारी मर्डर केस में आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी के विरोध में 5 अक्टूबर को काला दिवस मनाए जाने और विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधने के संबंध में लिया है। यूपी पुलिस के डीजीपी कार्यालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि कांस्टेबल केशव दत्त पाण्डेय और मो. शादाब सिद्दिकी को काली पट्टी बांधने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है जबकि एक सब-इंस्पेक्टर समेत 11 पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया गया है। योगी सरकार के इस तरह से एक्शन में आने के बाद मेरठ में पुलिस महकमे में एक पत्र को लेकर हड़कंप मच गया जिसमें 10 अक्टूबर को विरोध स्वरूप पुलिसकर्मियों को विभागीय कार्य ना करने की सलाह दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महकमा इस पत्र को गलत साबित करने में लगा रहा।
प्रशांत का वीडियो वायरल
जनता और पुलिस के बीच प्रशांत के पत्नी द्वारा वायरल किए गए वीडियो को देखते हुए माना जा रहा है कि पुलिस और जनता के बीच सामंजस्य कायम करने के लिहाज से प्रशांत चौधरी की पत्नी ने यह वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने सिपाहियों को अनुशासन में रहते हुए विभागीय कार्य करने और उनके पति के खिलाफ जांच में सहयोग करने की अपील की है।
पुलिस विभाग में रोष
मामले को लेकर पूरे पुलिस विभाग में रोष है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि विवेक तिवारी केस निंदनीय है लेकिन इस घटना में लिप्त दो पुलिसकर्मियों के कृत्य के लिए पूरे पुलिस महकमे को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। घटना की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
Created On :   8 Oct 2018 8:38 AM IST