Coronavirus Vaccine: ICMR के डायरेक्टर ने कहा, शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत न पड़े
- ICMR का कोरोना वैक्सीनेशन पर बयान
- वैक्सीनेशन की सफलता उसकी इफेक्टिवनेस पर निर्भर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का कोरोना वैक्सीनेशन पर बयान सामने आया है। ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि वैक्सीनेशन की सफलता उसकी इफेक्टिवनेस पर निर्भर करती है। हमारा मकसद कोरोना की ट्रांसमिशन चेन को तोड़ना है। अगर हम थोड़ी आबादी (क्रिटिकल मास) को वैक्सीन लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में कामयाब रहे तो शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत न पड़े। वहीं स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, "मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही है। यह जरूरी है कि ऐसी वैज्ञानिक चीजों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए।"
#WATCH "Govt has never spoken about vaccinating the entire country," says Health Secretary Rajesh Bhushan
— ANI (@ANI) December 1, 2020
"If we"re able to vaccinate critical mass of people break virus transmission, then we may not have to vaccinate the entire population," ICMR DG Dr Balram Bhargava added. https://t.co/HKbssjATjH pic.twitter.com/egEB1TAiC9
दूसरी तरफ सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड पर उठे विवाद पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के मामलों की जांच ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) करती है। किसी भी वैक्सीन के ट्रायल से पहले वॉलंटियर की मंजूरी ली जाती है। उनसे फॉर्म भरवाया जाता है, जिसमें यह साफ लिखा होता है कि ट्रायल के दौरान कुछ बुरा असर पड़ सकता है। कैसे-कैसे असर पड़ेंगे, यह भी लिखा होता है। इसे देखने के बाद ही लोग ट्रायल की मंजूरी देते हैं।
वहीं सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया ने कहा कि कोविडशील्ड वैक्सीन को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के लिए तब तक जारी नहीं किया जाएगा, जब तक कि यह इम्युनोजेनिक और सुरक्षित साबित न हो जाए। कंपनी ने यह भी कहा कि गंभीर प्रतिकूल घटना (एसएई), जो कथित तौर पर शहर आधारित स्वयंसेवक के साथ हुई, वह वैक्सीन से प्रेरित नहीं है। सीरम संस्थान ने इससे पहले कहा कि वह उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले स्वयंसेवक पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की मानहानि का दावा करेगा।
कंपनी ने कहा कि उसे स्वयंसेवक की चिकित्सा स्थिति को लेकर सहानुभूति है और यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कंपनी ने कहा, हालांकि, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि सभी अपेक्षित विनियामक और नैतिक प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का पालन और सख्ती से किया गया। बता दें कि हाल ही में एक वॉलंटियर ने इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड वैक्सीन से गंभीर साइड-इफेक्ट होने का दावा कर सभी को चौंका दिया था।
बता दें कि देश में बीते 24 घंटों में कोरोना के 31 हजार 118 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 482 लोगों की मौत हुई है। कोरोना मामले बढ़ने की ये संख्या दुनिया में अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा है। वहीं, मौत की संख्या दुनिया में पांचवें नंबर पर है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 94 लाख 62 हजार 810 हो गए हैं। वहीं, अबतक एक लाख 37 हजार 621 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में 41 हजार 985 लोग ठीक हुए । जिसके बाद अब देश में एक्टिव मामलों की संख्या 4 लाख 35 हजार 603 रह गई है।
Created On :   1 Dec 2020 7:32 PM IST