Odisha Minor Girl Case: 'हमें लगा वो घर लौटेगी', नाबालिग की मौत पर परिवार ने बयां किया दुख, पिता ने क्या की अपील? जानें

- नाबालिग की मौत पर परिवार की प्रतिक्रिया
- पिता ने की राजनीति से दूर रखने की अपील
- उसने संघर्ष किया- नाबालिग का भाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओडिशा के पुरी में रहने वाली 15 साल की नाबालिग, 14 दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ती रही। लेकिन अंत में वह हार गई। कुछ बदमाशों ने 19 जुलाई को लड़की को अगवा कर उसे आग के हवाले कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई। लड़की के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। उन्होंने मीडिया से बात कर अपना दुख प्रकट किया है। लड़की के भाई का कहना है कि उसे पता था भले इलाज में समय लगे लेकिन उसकी बहन लौट कर घर आएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, नाबालिग के पिता ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को राजनीति से दूर रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी मेरे भाग्य का हिस्सा नहीं थी'।
नाबालिग के पिता की अपील
नाबालिग लड़की के पिता ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को राजनीति से दूर रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मैं किसी पर उंगली नहीं उठाना चाहता। सभी ने मेरी बेटी के लिए प्रार्थना की, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। मैं किसी से नाराज नहीं हूं। मेरी बेटी मेरे भाग्य का हिस्सा नहीं थी। मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे और मेरे परिवार को राजनीति से दूर रखें। जब तक वह हमारे साथ घर पर थी तब तक सब कुछ ठीक था। मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ।
'हमें लगा वो घर लौटेगी'
लड़की के भाई ने अपना दुख साझा किया है। उसने कहा कि हम अपने दुख को बयान भी नहीं कर सकते। वह 15 साल की एक जिंदादिल लड़की थी। उसने बहुत संघर्ष किया है, वह 14 दिनों तक अस्पताल में रही। हमें हमेशा उम्मीद थी कि भले ही उसे ठीक होने में समय लगेगा, लेकिन वह ठीक हो जाएगी और घर आ जाएगी। कल सुबह हमें बताया गया कि वह बात कर रही है और ठीक है। हमें नहीं पता कि दोपहर में क्या हुआ, वह बहुत बेचैनी में थी और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। शाम तक, हमने उसे खो दिया।
दिल्ली एम्स में लड़की ने तोड़ा दम
इस घटना पर भाजपा नेता बिरंची नारायण त्रिपाठी ने कहा कि ओडिशा सरकार ने उसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। एम्स भुवनेश्वर में उसके इलाज के दौरान, सरकार उसकी स्थिति पर कड़ी नजर रख रही थी। उसे मुफ्त इलाज मुहैया कराया गया और बेहतर इलाज के लिए उसे एयरलिफ्ट करके दिल्ली एम्स ले जाया गया। राज्य सरकार दिल्ली में भी लगातार संपर्क में थी। उसके साथ आए उसके परिवार के सदस्यों के लिए भी सभी व्यवस्थाएं की गईं। दुर्भाग्य से, सभी प्रयासों के बावजूद, उसे बचाया नहीं जा सका।
3 बदमाशों ने लगाई आग
जानकारी के मुताबिक, नाबालिग लड़की को 3 बदमाशों ने अगवा कर उसको आग के हवाले कर दिया। यह घटना 19 जुलाई की बताई जा रही है। नाबालिक लड़की की मां ने बलंगा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। मां का कहना है कि उनकी बेटी अपने एक दोस्त से मिल कर घर की ओर आ रही थी। उस वक्त कुछ लड़के आए और उसे उठा कर ले गए। इसके बाद उसको जिंदा जला दिया। बताया जा रहा है कि, लड़की का शरीर 70 परसेंट से भी अधिक जल गया था।
Created On :   3 Aug 2025 12:00 PM IST