कश्मीर में चेरी पर हुई कुदरत मेहरबान

कश्मीर में चेरी पर हुई कुदरत मेहरबान
हाईलाइट
  • अच्छा मौसम होने के कारण न केवल संतोषजनक मात्रा में फल उगाए गए हैं बल्कि एक बेहतर गुणवत्ता वाली फसल भी पैदा हुई है।
  • कश्मीर में इस साल अच्छा मौसम होने के कारण स्वादिष्ट चेरी फल की एक बड़ी फसल देखने को मिल रही है।
  • समय पर बारिश और बर्फबारी होने की वजह से चेरी की फसल कश्मीरी किसानों के लिए सौगात लेकर आई है।

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में किसानों की हालत के बारे में हम सभी लोग अच्छी तरह जानते हैं। कई किसान बारिश न होने पर या बाढ़ के कारण फसल बर्बाद होने पर आत्महत्या तक कर लेते हैं। सही समय पर और सही मात्रा में बारिश होना किसानों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है। हमारे देश में उनकी जिंदगी मौसम पर ही निर्भर होती है। अगर जलवायु सही होती है तो उनके लिए सौगात बनकर आती है। इस साल कुदरत की ऐसी ही मेहरबानी कश्मीर के किसानों पर हुई है जहां मौसम उनके लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आया है।  

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इस साल समय पर हुई बारिश और बर्फबारी

कश्मीर में इस साल अच्छा मौसम होने के कारण स्वादिष्ट चेरी फल की एक बड़ी फसल देखने को मिल रही है। समय पर बारिश और बर्फबारी होने की वजह से चेरी की फसल कश्मीरी किसानों के लिए सौगात लेकर आई है।

 

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किसी भी बीमारी से प्रभावित नहीं है फसल

अच्छा मौसम होने के कारण न केवल संतोषजनक मात्रा में फल उगाए गए हैं बल्कि एक बेहतर गुणवत्ता वाली फसल भी पैदा हुई है। ये फसल किसी भी बीमारी से प्रभावित नहीं है इस वजह से किसानों को इस बार की फसल से अच्छा खासा लाभ होगा।

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चेरी के उत्पादक हुए हैं संतुष्ट

चेरी की खेती को हमेशा मॉडरेट टेम्प्रेचर की जरूरत होती है और इस वर्ष अच्छी जलवायु की मदद से फल की गुणवत्ता, चेरी का रंग और आकार को लेकर उत्पादकों को संतुष्टि और खुशी का एहसास हुआ है।

 

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हजारों लोगों को मिल रहा है रोजगार

निशत, हरवान, दारा और कंगन जैसी जगहों पर चेरी ज्यादा ऊंचाई पर उगाई जाती है। बागवानी क्षेत्र उन प्रमुख क्षेत्रों में से एक है जो हजारों लोगों के लिए रोजगार पैदा करता है और इस फसल की कटाई के दौरान राजौरी, पुंछ और राज्य के अन्य जिलों के सैकड़ों मजदूर घाटी की ओर अपनी आजीविका कमाने के लिए निकल पड़ते हैं।

Created On :   13 Jun 2018 9:51 AM GMT

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