राष्ट्रीय: उत्तर प्रदेश के चंदौली में 'पीएम स्वनिधि' के तहत फुटकर व्यापारियों को मिल रहा सहूलियत भरा लोन

उत्तर प्रदेश के चंदौली में पीएम स्वनिधि के तहत फुटकर व्यापारियों को मिल रहा सहूलियत भरा लोन
उत्तर प्रदेश के चंदौली में पंडित दीनदयाल नगर में 'प्रधानमंत्री स्वनिधि' का कई फुटकर व्यापारियों को लाभ मिल रहा है। योजना के तहत छोटे दुकानदार और रेहड़ी-पटरी वाले व्यापारी अब स्वरोजगार की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत पहले चरण में 10 हजार रुपए, दूसरे चरण में 20 हजार रुपए और तीसरे चरण में 50 हजार रुपए तक का लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। एक लोन चुकता करने के बाद व्यापारी अगले चरण का लोन प्राप्त कर सकते हैं।

चंदौली, 1 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के चंदौली में पंडित दीनदयाल नगर में 'प्रधानमंत्री स्वनिधि' का कई फुटकर व्यापारियों को लाभ मिल रहा है। योजना के तहत छोटे दुकानदार और रेहड़ी-पटरी वाले व्यापारी अब स्वरोजगार की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत पहले चरण में 10 हजार रुपए, दूसरे चरण में 20 हजार रुपए और तीसरे चरण में 50 हजार रुपए तक का लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। एक लोन चुकता करने के बाद व्यापारी अगले चरण का लोन प्राप्त कर सकते हैं।

स्थानीय फुटकर व्यापारियों का कहना है कि इस योजना से उन्हें व्यापार को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिली है। पान की दुकान चलाने वाले दिग्विजय हों या घड़ी मरम्मत करने वाले कैलाश यादव, सभी को इस योजना से सीधा लाभ मिला है।

एसडीएम अविनाश कुमार ने बताया कि पीएम स्वनिधि के तहत अपने यहां स्ट्रीट वेंडर को बिना गारंटी के लोन दिया जाता है। पहली बार में 10 हजार रुपए का ऋण दिया जाता है। यह राशि जमा करने के बाद दोबारा वह 20 हजार रुपए का लोन ले सकता है और इसके बाद 50 हजार रुपए का लोन दिया जाता है। यह स्ट्रीट वेंडर को आत्मनिर्भर बनाने की योजना है। स्ट्रीट वेंडर की प्रोफाइलिंग भी की जाती है, जिसके बाद आठ केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इसमें बैंक, स्वास्थ्य विभाग और श्रम विभाग की योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर ये लोग आत्मनिर्भर बनकर समाज में सम्मान की जिंदगी जीते हैं।

पान की दुकान करने वाले दिग्विजय चौरसिया ने बताया कि पहले दुकान खाली रहती थी, योजना का लाभ लेकर हमने दुकान में सामान खरीदकर रखा। इसका हम लोगों को बहुत फायदा मिल रहा है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहले 10 हजार रुपए का लोन लिया था। यह राशि जमा करने के बाद 20 हजार रुपए का लोन लिया है। अब 50 हजार रुपए का लोन लिया है, जो अभी चल रहा है।

एक अन्य लाभार्थी, घड़ी मरम्मत का काम करने वाले दुकानदार कैलाश यादव ने कहा कि योजना का लाभ लेकर 10 हजार रुपए का लोन लिया और दुकान खोला। इसके बाद लोन को जमा कर दिया है। उन्होंने 20 हजार रुपए का लोन लेने के लिए आवेदन किया था, यह रकम भी मिल गई। इन पैसों से दुकान का सामान खरीदा और अब उनकी दुकान बड़ी हो गई है।

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Created On :   1 Jun 2025 2:32 PM

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