राजनीति: बंगाल के सरकारी कॉलेज में एक हफ्ते में एडमिशन शुरू नहीं हुआ तो देंगे धरना सुवेंदु अधिकारी

बंगाल के सरकारी कॉलेज में एक हफ्ते में एडमिशन शुरू नहीं हुआ तो देंगे धरना  सुवेंदु अधिकारी
पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने 15 भाजपा विधायकों के साथ राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस से मुलाकात की और सरकारी कॉलेजों में दाखिले की ओर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए अगले एक सप्ताह में इसे शुरू कराने का आग्रह किया।

कोलकाता, 18 अगस्‍त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने 15 भाजपा विधायकों के साथ राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस से मुलाकात की और सरकारी कॉलेजों में दाखिले की ओर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए अगले एक सप्ताह में इसे शुरू कराने का आग्रह किया।

अधिकारी ने कहा कि अगर इस मामले में कुछ नहीं हुआ तो सभी भाजपा विधायक विकास भवन के सामने धरना देंगे। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में शिक्षा को पूरी तरह से निजी बनाना चाहती हैं।

सुवेंदु अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि तीन महीने हो गए हैं और अभी तक प्रथम वर्ष के लिए दाखिले शुरू नहीं हुए हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा के नतीजे भी घोषित नहीं किए गए हैं। यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है, जिससे पांच लाख छात्र और उनके अभिभावक प्रभावित हो रहे हैं। इसी कारण मेरे नेतृत्‍व में 15 भाजपा विधायकों ने राज्‍यपाल से मुलाकात की।

उन्होंने आरोप लगाया कि 76 मुस्लिम समुदायों को संरक्षण देने के लिए दाखिले को टालने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्‍होंने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में पिछले एक साल के दौरान 8,200 शैक्षणिक संस्‍थानों को बंद किया गया है। ममता सरकार शिक्षा का निजीकरण करने का प्रयास कर रही है। निजी कॉलेजों में उन्‍हीं के बच्‍चे पढ़ पाते हैं, जिनके पास पैसा है।

उन्‍होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों में करीब एक हजार करोड़ का कारोबार किया गया। इसका 10 प्रतिशत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास पहुंच गया है।

उन्‍होंने आगे कहा कि ममता सरकार प्रदेश में बांग्‍ला और बंगाली को लेकर घटिया राजनीति कर रही है। राज्‍यपाल ने केंद्र सरकार की प्रशंसा की है।

इसके साथ ही, सुवेंदु अधिकारी ने राज्यपाल द्वारा उन्हें दी गई हरियाणा रिपोर्ट का भी जिक्र किया। उन्होंने ममता बनर्जी के उस बयान पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने श्रमश्री परियोजना के तहत बंगाल के प्रवासी मजदूरों को तब तक 5 हजार रुपए प्रतिमाह भत्ता देने की बात कही थी, जब तक उन्हें काम नहीं मिलता।

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Created On :   18 Aug 2025 9:54 PM IST

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