जनप्रतिनिधि अपराधिक मामलों से जुड़ा विधेयक: अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, बिल को बताया तानाशाही भरा फैसला

- जनप्रतिनिधि अपराधिक मामलों से जुड़े विधेयक का मामला पकड़ रहा तूल
- लोकसभा में जमकर हुआ हंगामा
- अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर किया तीखा प्रहार
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। जनप्रतिनिधि अपराधिक मामलों से जुड़े विधेयक का मामला तूल पकड़ते हुए नजर आ रहा है। इसको लेकर लोकसभा में भी जमकर हंगामा हुआ है। इसके बाद अब समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ने कहा कि इस विधेयक की वजह से केंद्र सरकार की कुर्सी बचाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इतिहास गवाह है कि इस प्रकार के फैसले कभी भी सफल नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा उन्होंने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 को तानाशाही भी बताया है।
इस विधेयक पर सपा चीफ क्या बोले?
सपा चीफ ने बताया कि दुनिया भर के तानाशाह चाहे वह जर्मनी, इटली या फिर रूस के क्यों न हों। उन्होंने भी अपनी कुर्सी बचाने के लिए ऐसे कई फैसले लिए है, लेकिन इतिहास गवाह है कि अभी तक कोई भी अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए। यह संशोधन जनता के खिलाफ है और कॉर्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने का काम करेगा। इसी वजह से इसे अमल में लाया जा रहा है। अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि यह विधेयक जनता के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए लाया गया है और विपक्ष को दबाने का भी काम कर सकता है।
संविधान का 130वां संशोधन विधेयक 2025 कैसे करेगा काम?
इस विधेयक के संशोधन से संविधान में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसका मुख्य प्रावधान रहेगा कि यदि कोई जनप्रतिनिधि (प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री केंद्र का हो या फिर राज्य का) गंभीर अपराधिक मामलो में 30 दिन तक पुलिस की हिरासत या जेल में रहता है तो 31वें दिन उस जनप्रतिनिधि को इस्तीफा देना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते है तो वो स्वत: ही पद से हट जाएंगे। इस संशोधन के तहत संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में बदलाव प्रस्तावित है, जो पीएम, सीएम और दिल्ली सीएम के पद से संबंधित हैं।
अमित शाह ने लोकसभा में इस बिल पर क्या कहा?
इस बिल की जानकारी मंगलवार और बुधवार की दरमियान रात को सामने आई थी। इसके बाहर आते ही कांग्रेस ने सबसे पहले पलटवार किया था। गृहमंत्री अमित शाह ने आज बुधवार को लोकसभा के पटल पर रखते हुए कहा कि यह जनहित में लाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जनप्रतिनिधि सिर्फ जनता की सेवा के लिए हैं। अगर वे अपराधिक मामलों में पाए जाते हैं और जेल में रहते हैं तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही शाह ने दो विधेयक पेश किए है, जो जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) और केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025 हैं।
Created On :   20 Aug 2025 5:47 PM IST