Monsoon Session 2025: गिरफ्तारी के 30 दिन बाद अपने आप पद से हट जाएंगे पीएम-सीएम के साथ अन्य मंत्री! जानें नए और पुराने कानून में क्या होगा अंतर

- अमित शाह ने संविधान के अनुच्छेद 75 और 164 में नए नियम जोड़े
- पीएम, सीएम और अन्य मंत्री गिरफ्तारी के 30 दिन बाद पद से हट जाएंगे
- निर्दोष साबित होने के बाद पद पर वापस भी नियुक्त किए जा सकते हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (20 अगस्त) को सीएम, पीएम के साथ अन्य बड़े मंत्रियों को पद से हटाने से संबंधित तीन विधेयकों को लोकसभा में पेश कर दिया है। विपक्ष लगातार हमलावर था लेकिन फिर भी अमित शाह ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया है। ऐसे में चलिए मौजूदा कानून और नए कानून में अंतर के बारे में जानते हैं।
क्या हैं तीन विधेयक?
सरकार की तरफ से आज लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक पेश किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 75 और 164 में नए प्रावधान भी शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसके चलते अगर पीएम, सीएम या कोई भी मंत्री गंभीर अपराध में गिरफ्तार किया जाता है और 30 दिन तक हिरासत में ही रहता है तो उसको 31वें दिन अपने आप पद से हटा दिया जाएगा।
गिरफ्तारी के कितने समय बाद नियम लागू होगा?
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही ये नियम लागू हो जाएगा। इस कानून के बाद अगर किसी भी पार्टी का कोई नेता दोषी साबित होता है तो विपक्ष को इस्तीफे की मांग नहीं करनी पड़ेगी और वो नेता 30 दिन के बाद अपने आप पद से हटा दिया जाएगा। ये नियम कानून व्यवस्था को और ज्यादा मजबूत करने के लिए बनाए गए हैं।
हटाए जाने के बाद पद मिल सकता है वापस?
बता दें, अगर सीएम, पीएम या कोई भी मंत्री निर्दोष पाए जाते हैं तो उनको दोबारा नियुक्ति का मौका मिलेगा। जिसका उद्देश्य ये है कि गंभीर अपराधों के आरोपी बड़े पद पर ना बैठें जिससे लोगों के मन में सरकार के प्रति भरोसा ना टूटे।
क्या कहता है मौजूदा कानून?
मौजूदा कानून के बारे में जानें तो, संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल और राष्ट्रपति को कुछ मामलों में गिरफ्तारी से छूट मिल जाती है। लेकिन पीएम, सीएम या मंत्रियों के लिए ऐसी कोई भी छूट नहीं है। वहीं, मौजूदा कानून के मुताबिक, गिरफ्तारी की स्थिति में नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना होता है। अगर पीएम या सीएम इस्तीफा नहीं देना चाहते हैं तो ऐसा कोई कानून नहीं जो दोषसिद्धी से पहले ही उनका जबरदस्ती इस्तीफा ले पाए। वहीं, अगर किसी मामले में 2 साल से ज्यादा की जेल होती भी है तो संसद या विधानसभा की सदस्यता रद्द होती है।
नए नियम क्यों हैं आवश्यक?
गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक, अभी संविधान में मंत्रियों को गंभीर आरोपों पर हिरासत में ले जाने के बाद हटाने का कोई भी प्रावधान नहीं है। इस वजह से ही अब संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन प्रस्तावित किया गया है। जिसमें अनुच्छेद 75 के तहत प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से संबंधित मामलों को देखा जाएगा। वहीं, अनुच्छेद 164 में राज्यों में सीएम और राज्यों के अन्य मंत्रियों से संबंधित मामलों को देखा जाएगा और 239AA के तहत दिल्ली के सीएम और मंत्रियों से संबंधित मामलों को देखा जाएगा। संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक के तहत केंद्र शासित सभी प्रदेशों और राज्यों में इस प्रक्रिया को लागू किया जाएगा।
Created On :   20 Aug 2025 5:07 PM IST