बिहार विधानसभा चुनाव 2025: धोरैया में किसी एक दल को प्राथमिकता नहीं, पिछले चुनाव में पहली बार आरजेडी को मिली थी जीत

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में धोरैया विधानसभा क्षेत्र बांका जिले में आता है, 1951 में स्थापित धोरैया विधानसभा क्षेत्र एससी आरक्षित है,यहां 13.56 प्रतिशत एससी,18 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है। ये क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है, लेकिन कई शहरों से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र में कोई भी शहरी वोटर्स नहीं है।
अब तक हुए 17 विधानसभा चुनावों में धोरैया ने किसी एक दल को प्राथमिकता नहीं दी है। यानि किसी एक दल के लिए धोरैया टिकाऊ नहीं है। कांग्रेस, सीपीआई और जेडीयू (समता पार्टी सहित) ने धोरैया सीट को पांच-पांच बार जीता है। 1969 में निर्दलीय, 2020 में आरजेडी ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की। जो एनडीए में अंदरूनी कलह का परिणाम था। अबकी बार एनडीए गुट में शामिल दलों के एक साथ आ जाने से उसकी स्थिति फिर मजबूत होती हुई जान पड़ रही है।
धोरैया में 15.8 प्रतिशत यादव समुदाय की आबादी है, चुनाव में यादव वोटर्स अहम निर्णायक भूमिका में होते है, यादव समुदाय भले ही बड़ी तादाद में हो लेकिन आरजेडी को समर्थन कम ही मिलता है, जेडीयू की बार बार होने वाली जीत ये बताती है कि यहां के यादव मतदाता जेडीयू को अधकि सपोर्ट करते है। धोरैया एक निम्न साक्षरता दर वाला विधानसभा क्षेत्र भले ही हो लेकिन चुनाव में मताधिकार का इस्तेमाल करना यहां की जनता की प्राथमिकता में रहता है। यहां लगातार वोट परसेंट बढ़ रहा है।
कई नदियां विधानसभा क्षेत्र से होकर बहती है, जिसकी वजह से धोरैया की भूमि समतल अत्यंत उपजाऊ है, यह क्षेत्र कृषि के लिए उपयुक्त है और यही इसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। धोरैया विधानसभा एक बार फिर राजनीतिक मुकाबले का सेंटर बन गया है। धोरैया में आरजेडी अपनी जीत दोहराने की कोशिश करेगा, वहीं एनडीए को भरोसा है कि धोरैया एक बार फिर उसकी झोली में जा सकता है।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर रही।
Created On :   29 Oct 2025 12:55 PM IST












