बिहार विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा के अभेद किले फारबिसगंज को भेदना महागठबंधन के सामने बड़ी चुनौती

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में फारबिसगंज विधानसभा सीट अररिया जिले में आती है। फारबिसगंज एक सामान्य सीट है। 1951 में स्थापित हुई 17 बार चुनाव हुए हैं। फारबिसगंज में करीब 34 फीसदी मुस्लिम मतदाता है। फारबिसगंज का सियासी सफर कांग्रेस से शुरू हुई और अब यह बीजेपी का गढ़ बन चुका है। 1952 से 1985 के बीच कांग्रेस ने 9 में से 8 बार जीत दर्ज की।
1990 में बीजेपी ने जीत के साथ अपनी यात्रा शुरु की,1995 में बीजेपी, 2000 में बीएसपी, 2005 से फारबिसगंज सीट पर लगातार जीत ने इसे बीजेपी का अभेद किला बना दिया है। हालांकि आपको बता दें बीजेपी की जारी जीत में वोटों का अंतर भले ही कम हुआ हो, लेकिन यहां बीजेपी आज भी मजबूत स्थिति में है। फारबिसगंज को बीजेपी के लिए सुरक्षित सीट माना जा रहा है।
फारबिसगंज में ग्रामीण और शहरी वोटर्स दोनों ही है। फारबिसगंज में मानसून के दौरान बाढ़ की समस्या आम बात है, बाढ़ बुनियादी ढांचे और कृषि दोनों को प्रभावित करती है। फारबिसगंज की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है। इलाके में औद्योगिक विकास सीमित है, लेकिन नेपाल सीमा से सटे होने के कारण सीमावर्ती व्यापार में उपभोक्ता वस्तुएं और कृषि उत्पादों का आदान-प्रदान होता रहता है। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के चलते हजारों लोगों का पलायन होना आम बात है। फारबिसगंज में लगातार बीजेपी की जीत में कम होती वोट संख्या चिंता का विषय, भाजपा के अभेद किले को भेदना महागठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर रही।
Created On :   29 Oct 2025 12:32 PM IST












