महाराष्ट्र विधानसभा में तीखी नोक-झोंक: उद्धव गुट ने सवाल उठाए तो शिंदे गुट ने लगाए गंभीर आरोप, इस बीच 10 मिनट के लिए स्थगित सदन

उद्धव गुट ने सवाल उठाए तो शिंदे गुट ने लगाए गंभीर आरोप, इस बीच 10 मिनट के लिए  स्थगित सदन
  • उद्धव-शिंदे गुट की सदन में हुआ बहस
  • रेवले जमीन को लेकर उठे सवाल
  • विधानसभा सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के उद्धव और शिंदे गुट के विधायक आपस में भिड़े। बताया जा रहा है कि वांद्रे में स्थित 42 एकड़ जमीन और झोपड़पट्टी के पुनर्वसन से जुड़े मुद्दे को लेकर आमना-सामना हुआ था। उद्धव गुट विधायक वरुण सरदेसाई ने इस मुद्दे को उठाया था, तब शिंद गुट के मंत्री शंभूराज देसाई ने पलटवार करते हुए आक्रामक हो गए थे। उनके अलावा आदित्य ठाकरे ने भी सदन में तीखी बहस की।

शिवसेना के शिंदे गुट मंत्री शंभूराज ने लगाए ये आरोप

मंत्री ने कहा, 'मुझे इस मुद्दे में ज्यादा गहराई में नहीं जाना था, लेकिन मेरे पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक 2019 से 2022 के बीच तत्कालीन राज्य सरकार ने इस मामले में एक बार भी केंद्र से कोई पत्राचार नहीं किया।' इतना बोलेने पर ही सदन में चारों और हंगामा मच गया था।

मंत्री ने आगे कहा, 'हमने 2022 में सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर चार बार पत्र भेजे हैं। आपने क्या किया? हमारी बदनामी मत करो। बताओ, आपने क्या किया? अगर मैंने किसी का नाम नहीं लिया तो फिर तुम्हारी नाक में मिर्ची क्यों लगी?'

रेवले की जमीन को लेकर विरोध

भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि इस मुद्दे का प्रभाव मेरे विधानसभा इलाके पर भी पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जब धारावी को फिर से बसाने के लिए रेलवे की जमीन वापस ले ली जा सकती है तो फिर इस जमीन (वांद्रे) को लेकर विरोध क्यो हो रहा है? मैं पूछता हूं की राज्य सरकार इस मामले को लेकर क्या प्रयास करेगी? शंभूराज ने इसका जवाब देते हुए कहा कि इस मामले को लेकर मैं अपने कार्यलय में बैठक करूंगा।

आदित्य ठाकरे ने कही ये बात

शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि मंत्री सदन को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। सदन में गलत जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि क्या हमें विशेषाधिकार हनन करने का प्रस्ताव लाना चाहिए?

वहीं, उद्धव गुटे के विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि दूसरे विभाग का मंत्री अपने विभाग को छोड़कर दूसरे विभाग पर बयान दे सकता है, लेकिन इसके लिए सदन अध्यक्ष की अनुमति होना जरूरी होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि शंभूराज देसाई विकास विभाग के मामले पर कैसे बोल सकते हैं? क्या वह मुख्यमंत्री हैं? बता दें कि इस तीखी बहस के चलते 10 मिनट के लिए विधानसभा की कार्यवाही रोक दी गई थी।

Created On :   15 July 2025 5:06 PM IST

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