जामियत की बैठक पर हिंदू संगठन बोले खुद को साबित करना चाहते हैं पीड़ित
- धार्मिक भावनाओं को भड़का रहे हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने आरोप लगाया, जिस तरह से बैठक हुई और अपनी अपनी बातें रखी गई, इससे साबित होता है कि वह खुद को पीड़ित साबित करना चाह रहे हैं और घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। अत्याचार की बात कहकर यह क्या साबित करना चाहते हैं। भारत में अल्पसंख्यकों को सम्मान दिया जाता है।
वहीं अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार दिनेश शर्मा ने कहा, जिस तरह देवबंद में मौलाना महमूद मदनी लोगों को भड़का रहे हैं और विदेशी आक्रांताओं का समर्थन कर रहे हैं, इस तरह के संगठन और लोगों पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए।
शर्मा ने कहा, इन को देश से बाहर कर देना चाहिए। कुछ संगठन देश में ऐसे हैं जो पाकिस्तान के संरक्षण में फल फूल रहे हैं, यह लोग देश में धार्मिक भावनाओं को भड़का रहे हैं। यह लोग अगर भाईचारे की बात करते हैं तो हिंदुओं की जमीन वापस कर दें।
जमीयत की बैठक में पुरानी इबादतगाहों पर भी बात कही गई। उन्होंने कहा कि जमियत इबादतगाहों पर बार-बार विवाद खड़ा कर के देश में अमन व शांति को खराब करने वाली शक्तियों और उनको समर्थन देने वाले राजनीतिक दलों के रवैये से अपनी गहरी नाराजगी व नापसंदगी जाहिर करती है। जमीयत ने अपने एक बयान में कहा, बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की एतिहासिक ईदगाह और दीगर मस्जिदों के खिलाफ इस समय ऐसे अभियान जारी हैं जिससे देश में अमन शांति और उसकी गरिमा और अखंडता को नुकसान पहुंचा है.
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Created On :   29 May 2022 7:30 PM IST