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दैनिक भास्कर हिंदी: बलूचिस्तान की सोने की खदानें कब्जाने में पाकिस्तानी सेना की भूमिका

हाईलाइट
- बलूचिस्तान की सोने की खदानें कब्जाने में पाकिस्तानी सेना की भूमिका
नई दिल्ली/इस्लामाबाद, 10 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक आयोग गठित करने की प्रतिबद्धता जताई है, जो इस बात की जांच करेगा कि पाकिस्तान किस प्रकार से एक खनन कंपनी को दिए जाने वाले छह अरब डॉलर के मामले को समाप्त कर सकता है। इस खनन कंपनी ने बलूचिस्तान में सोने और तांबे की खोज की थी, मगर बाद में इसे खनन पट्टा देने से इनकार कर दिया गया था। खदानों पर नियंत्रण स्थापित करने में सेना की गहरी भूमिका इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है।
पिछले साल एक बड़े विवाद में वल्र्ड बैंक के इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट विवाद (आईसीएसआईडी) ने पाकिस्तान को एक बहुराष्ट्रीय खनन दिग्गज टेथियन कॉपर कंपनी (टीसीसी) को अपनी जीडीपी का दो प्रतिशत जुर्माना देने को कहा था।
टीसीसी ने 2006 में बलूचिस्तान में रेको दीक में खदानों का अधिग्रहण किया था, लेकिन कंपनी द्वारा रेको दीक में सोने और तांबे के भंडार की खोज के बाद, पाकिस्तान ने 2011 में खनन पट्टे के आवेदन को ही खारिज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप टीसीसी ने 8.5 अरब डॉलर के नुकसान का दावा किया था।
जब आईसीएसआईडी ने पिछले साल टीसीसी के पक्ष में विवाद का निपटारा किया तो प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस तरह की वित्तीय आपदा के स्रोतों और कारणों की पहचान करने के लिए एक आयोग गठित करने की घोषणा की। खान पहले से ही अपने पूर्ववर्तियों से विरासत में मिले आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और अब बड़ी मात्रा में लगे जुर्मार्ने ने उनकी चिंताओं को और भी बढ़ा दिया है।
चूंकि यह एक बड़ा जुर्माना है जो कि पाकिस्तान के कुल विदेशी खजाने का 40 प्रतिशत है, इसलिए अब इमरान खान सरकार इस जुर्माने पर रोक लगाए जाने की भरपूर कोशिश कर रही है और सरकार किसी भी तरह से यह जुर्माना हटाने की कई कोशिशें भी कर चुकी है।
सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद विकल्पों के लिए हाथ-पांव मार रहा है, मगर सरकार में कोई भी उन कारणों की जांच नहीं करेगा कि पाकिस्तान इस विपदा में किस तरह घिरा है।
इस्लामाबाद के सूत्रों ने कहा, ऐसा इसलिए है, क्योंकि पाकिस्तान में हर कोई जानता है कि यह पाकिस्तानी सैन्य-औद्योगिक परिसर है, जिसने सरकारी खजाने और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भी खाली कर दिया है।
पाकिस्तानी विद्वान और अमेरिका में राजदूत रह चुके हुसैन हक्कानी द्वारा लिखी गई हडसन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, यह सेना ही है, जिसने बलूचिस्तान के रेको दीक क्षेत्र से विदेशी कंपनियों की अस्वीकृति की परिकल्पना की थी। पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक समर मुबारकमंद के नेतृत्व में टीसीसी के खिलाफ एक लगातार अभियान चलाया गया, जो कि सेना द्वारा समर्थित था। इसके बाद पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में कंपनी के अनुबंध को रद्द करने का आदेश दिया।
टीसीसी द्वारा बलूचिस्तान में सोने और तांबे की खानों की खोज के बाद, सैन्य-औद्योगिक परिसर ने इसे अपने लिए एक अवसर के तौर पर देखा। सेना ने सुनिश्चित किया कि मुबारकमंद की कंपनी को सोने और तांबे के खनन का ठेका मिले, जबकि रेको दीक की कुछ खदानों को मेटलर्जिकल कॉपोर्रेशन ऑफ चाइना (एमसीसी) में बदल दिया गया।
हालांकि हडसन की रिपोर्ट के अनुसार, न तो चीनी और न ही परमाणु वैज्ञानिक की कंपनी रेको दीक में कोई तांबा या सोना निकाल सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अभी भी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के हिस्से के रूप में खनन परियोजना में शामिल हैं।
वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह जुर्माना किसी मुसीबत से कम नहीं है। बता दें कि पिछले साल मध्यस्थता कोर्ट ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया था। मध्यस्थता कोर्ट ने विदेशी कंपनी को खनन पट्टा देने से इनकार करने पर पाकिस्तान पर छह अरब डॉलर का जुर्माना लगाया था। पाकिस्तान पर यह जुर्माना 2011 में रेको दीक परियोजना के लिए विदेशी कंपनी को गैर-कानूनी रूप से खनन पट्टा देने से इनकार करने पर लगाया गया है, जिससे बचने के लिए पाकिस्तान लगातार हाथ-पैर मार रहा है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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