ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

Rajya Sabha adjourned for the day amid uproar by opposition over fuel price hike
ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
नई दिल्ली ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के लगातार विरोध के बीच राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। दूसरे स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे दोबारा शुरू हुई तो पैनल के उपाध्यक्ष सस्मित पात्रा ने कहा कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव मंत्रालय के कामकाज पर बहस पर जवाब देंगे लेकिन मूल्य वृद्धि पर चर्चा के बीच विपक्ष का हंगामा वैसा ही जारी रहा जैसा वे चाहते थे।

सदन में व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि कुछ सदस्यों ने नियम 276 के तहत पेट्रोलियम कीमतों में बढ़ोतरी पर चर्चा करने के लिए सदन के सभी निर्धारित कार्यों को स्थगित करने का नोटिस दिया है। उन्होंने कहा, और नियम 138 के तहत हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण विधेयक यहां राज्यसभा में पेश किया जाए। यह सरकार महंगाई, पेट्रोलियम कीमतों में बढ़ोतरी पर चर्चा नहीं चाहती, इसे (महिला आरक्षण विधेयक) भी लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

डेरेक ओ ब्रायन के प्वॉइंट ऑफ ऑर्डर पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि नियम 138 याचिका से संबंधित है न कि सदन की कार्यवाही से और यह 138 कैसे सदन में व्यवस्था का मुद्दा उठाने से संबंधित है। पैनल के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जब तक सदन ठीक नहीं होता, तब तक वह दूसरे प्वाइंट ऑफ ऑर्डर को कैसे ले सकते हैं और विपक्षी सांसदों से अपनी सीटों पर वापस जाने का अनुरोध किया। पात्रा ने आंदोलन कर रहे सदस्यों से अपील करते हुए कहा, मैं व्यवस्था की बात से इनकार नहीं कर रहा हूं, कृपया अपनी सीट ले लें।

डीएमके सदस्य टी. शिवा ने दूसरा प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाया और कहा कि नियम 168 कहता है कि महासचिव को नोटिस दिया जाएगा। हमने नियम 267 के तहत एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा के लिए सदन के निर्धारित कार्य को स्थगित करने के लिए नोटिस दिया है। फिर हमारे नोटिस क्यों खारिज कर दिए गए?

टी. शिवा को जवाब देते हुए पात्रा ने कहा कि वे सभी जानते हैं कि अध्यक्ष नोटिस पर अंतिम निर्णय लेते हैं और उन्होंने अपना निर्णय पहले ही बता दिया था। पात्रा ने यह भी कहा कि एक बार नोटिस को राज्यसभा के सभापति द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद उस पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता। फिर, उन्होंने केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव से अपने मंत्रालय के कामकाज पर बहस पर अपना जवाब शुरू करने के लिए कहा।

यादव ने अपना जवाब देना शुरू किया लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण उन्हें सुनाई नहीं दिया। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे मजदूरों और गरीबों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते। इस बीच, विपक्ष ने पेट्रोलियम पदार्थ और दूसरे जरूरी सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

भूपेंद्र यादव ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और सदन के वरिष्ठ सदस्य एच.डी. देवेगौड़ा कुछ कहना चाहते थे लेकिन विपक्ष उन्हें बोलने नहीं दे रहा था। जब सदन में व्यवस्था बहाल करने के लिए कुर्सी के सभी प्रयास विफल हो गए, तो पैनल के उपाध्यक्ष सस्मित पात्रा ने मंगलवार को सुबह 11 बजे फिर से बैठक के लिए सदन को स्थगित कर दिया।

(आईएएनएस)

Created On :   4 April 2022 6:00 PM IST

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