VP Election 2025: 'राजनीति संभावनाओं का खेल है, कब क्या...' उद्धव ठाकरे गुट ने उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले कही ये बात

- रेड्डी ने कई सांसदों से किया संपर्क
- पश्चिम बंगाल में भाजपा हिंसा में रहती है लिप्त
- हर जगह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवा भाऊ का प्रचार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव आज 9 सितंबर की सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच होने वाला है। एनडीए की तरफ से सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि इंडिया महागठबंधन ने बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। इसी कड़ी में चुनाव के पहले शिवसेना (UBT) कके प्रवक्ता आनंद दुबे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि राजनीति संभावनाओं का खेल होती है। कब क्या हो जाए किसी को नहीं पता चलता है। उन्होंने विपक्ष के प्रत्याशी को अच्छी स्थिति में बताया है।
शिवसेना प्रवक्ता ने मीडिया से बातचीत में उपराष्ट्रपति पद और राजनीति पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि 9 सितंबर को चुनाव होने वाले हैं, इसमें सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी प्रत्याशी है। इसमें मतदान लोकसभा और राज्यसभा के सांसद करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि संख्या बल सबसे ज्यादा एनडीए के पाले में है, लेकिन विपक्ष भी पूरी कोशिश कर रहा है।
आनंद दुबे ने कहा, ''लोकतंत्र में हार-जीत सामान्य है, चुनाव लड़ना जरूरी है। विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी अच्छी स्थिति में हैं और कई सांसदों से संपर्क किया जा रहा है। 2022 के चुनाव का उदाहरण देकर कहा कि इस बार हालात बदले हैं और विपक्ष मजबूत होकर जीतने की कोशिश करेगा। राजनीति संभावनाओं का खेल है, कब क्या होगा कोई नहीं जानता।''
उन्होंने टीएमसी विधायक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''पश्चिम बंगाल में भाजपा समय-समय पर हिंसा में लिप्त रहती है। बंगाल में ममता सरकार स्थिर है, जिसे वे अस्थिर करना चाहते हैं। भाजपा कई कदम उठाती है, लेकिन ममता बनर्जी को सत्ता से नहीं हटा पाती। ममता ने बंगाली अस्मिता, संस्कृति और विकास के लिए काम किए हैं।''
शिवसेना प्रवक्ता ने सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना करते हुए बताया, ''चाहे अखबार हों या टीवी चैनल, हर जगह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (देवा भाऊ) का प्रचार हो रहा है। अब ये कौन कर रहा है? करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर खर्च हो रहे हैं। इतना ज्यादा प्रचार क्यों? अगर खुद कुछ किया ही नहीं, तो अपनी वाहवाही करने का क्या मतलब है?"
दुबे का कहना हैं, ''विकास कार्यों पर पैसा लगाने के बजाय सड़कों पर गड्ढे और गणपति पर्व की शुरुआत भी खराब सड़कों में हुई। पूर्ण बहुमत वाले मुख्यमंत्री के लिए यह आचरण शोभनीय नहीं। चाहे वे पैसा प्रचार पर लगाएं या सेवा पर, लेकिन जनता इसे पसंद नहीं कर रही।''
Created On :   9 Sept 2025 1:59 AM IST