तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: विकास यात्रा में हम जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने वाले हैं : उपराष्ट्रपति

विकास यात्रा में हम जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने वाले हैं : उपराष्ट्रपति
  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया दावा
  • 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
  • विकास यात्रा के दौरान हमने बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ा
  • वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत आज एक चमकता हुआ सितारा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को विश्वास व्यक्त किया कि 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस विकास यात्रा के दौरान हमने बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ा है और अब हम जर्मनी और जापान को भी पीछे छोड़ने वाले हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत आज एक चमकता हुआ सितारा है। उपराष्ट्रपति के आमंत्रण पर सैनिक स्कूल के छात्र देश की नई संसद देखने पहुंचे। सैनिक स्कूल के छात्रों से संसदीय सौध में उपराष्ट्रपति ने एक संवाद भी किया। इसी संवाद के दौरान उपराष्ट्रपति ने यह बातें कहीं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक समय था जब सत्ता के गलियारे दलालों से पूरी तरीके से पटे पड़े रहते थे। आज वह सब गायब हो गए हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करके सत्ता के गलियारों को दलालों से पूरी तरीके से मुक्त कर दिया है। आज शासन में बहुत पारदर्शिता आई है। उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि आज भारत जिस गति के साथ आगे बढ़ रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। एक समय था जब हमें दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था और आज हम दुनिया की पांचवी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।

अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदमों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान तीन को लैंड करके सिद्ध कर दिया कि भारत एक नई इबारत लिखने जा रहा है आज जमीन से लेकर अंतरिक्ष तक भारत का डंका चारों ओर बज रहा है। उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि हमें भारत और भारतीयता पर गर्व करना चाहिए और हमें हमारी ऐतिहासिक उपलब्धियां का जश्न मनाना चाहिए। भारत की विकास यात्रा में हमें यथासंभव योगदान देकर भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि कभी भी तनाव न लें। पढ़ाई के दौरान किसी भी प्रकार की टेंशन या दबाव में नहीं रहना चाहिए। सहज रहें और सफल होने की अपेक्षा हमेशा एक अच्छा नागरिक बनने का प्रयास करें, अनुशासन में रहे क्योंकि अनुशासन सफलता की कुंजी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज देश में एक ऐसा वातावरण निर्मित हुआ है, जहां आपको फलने-फूलने का पूरा मौका मिलता है। कोई भी अपना मनपसंद काम चुन सकता है, और सरकार उसकी इस काम में मदद भी करती है।

नई संसद भवन का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह शानदार भवन जो आपने अभी देखा है, यह सिर्फ ढाई साल में बनकर तैयार हुआ है। ये नए भारत की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरी करने वाली पंचायत है। आज आपने दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत को देखा है, दुनिया में इससे बड़ी पंचायत कहीं नहीं है। यह पंचायत कुछ महीने पहले इतिहास का साक्षी बनी है। इसी पंचायत में सितंबर में महिला आरक्षण विधेयक पास किया गया है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और आने वाले समय में इसके सकरात्मक परिणाम समाज में दिखाई देंगे।

आईएएनएस

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Created On :   6 Nov 2023 11:08 AM GMT

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