युवाओं के बूते बंगाल के समृद्ध फुटबाल इतिहास का हिस्सा बनने में जुटा एटीके

ATK engaged in becoming a part of Bengals rich football history due to youth
युवाओं के बूते बंगाल के समृद्ध फुटबाल इतिहास का हिस्सा बनने में जुटा एटीके
युवाओं के बूते बंगाल के समृद्ध फुटबाल इतिहास का हिस्सा बनने में जुटा एटीके

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष सौरभ गांगुली के सह-मालिकाना हक वाले फुटबाल क्लब-एटीके ने दो बार हीरो इंडियन सुपर लीग का खिताब जीता है। अभी इसकी उम्र सिर्फ पांच साल है लेकिन अभी से यह क्लब युवाओं के बूते बंगाल के समृद्ध फुटबाल विरासत का हिस्सा बनने में जुट गया है।

एटीके का नाम पहले एटलेटिको दे कोलकाता था लेकिन बीते सीजन से इसका नाम बदलकर एटीके हो गया। आईएसएल में इस क्लब को सम्मान से देखा जाता है क्योंकि इसने दो बार खिताब जीता है और इस सीजन में भी कुछ खास करने का माद्दा रखता है। इसका कारण यह है कि इस टीम के पास कई बड़े नाम और कई प्रभावशाली खिलाड़ी हैं।

दो बार की चैम्पियन टीम तीसरी बार खिताब हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती लेकिन युवाओं पर किए गए निवेश से उसे इस सीजन में सबसे अधिक फायदा होने वाला है।

बीते सीजन में एटीके ने पश्चिम बंगाल की पेशेवर और एशिया की सबसे पुरानी लीग-कलकत्ता फुटबाल लीग में यूथ टीम उतारा था। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है और इसी कारण एटीके एसे टूर्नामेंट की मदद से अपनी युवा शक्ति पर निवेश कर रहा है। एटीके की यूथ टीम ने चौथे टीयर टीम के रूप में कलकत्ता फुटबाल लीग में हिस्सा लिया और अब यह प्रीमियर डिविजन-ए में प्रवेश पाने के लिए दावा ठोक रही है।

एटीके यूथ टीम कलकत्ता डिविजन-2 में अजेय रही और बीते सीजन चैम्पियन बनी। अब यह टीम डिविजन-1 के लिए अपना दावा ठोक रही है। अगर इस टीम ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा तो जल्द ही यह इस क्षेत्र की बड़ी टीमों में शुमार हो जाएगी।

प्रीलिम में एटीके टीम टेबल टॉपर रही। उसने कुल 26 गोल किए और सिर्फ छह गोल खाए। उसने 11 में से नौ मैच जीते।

कठिन मेहनत और समर्पण निश्चित तौर पर परिणाम देगी और अगर एटीके सही दिशा में बढ़ता रहा तो एक न एक दिन वह टॉप डिविजन में भी खेलेगा, जिसमें मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन स्पोर्टिग जैसे क्लब हैं।

कोलकाता और कलकत्ता फुटबाल लीग का इतिहास काफी समृद्ध है। उदाहरण के तौर पर ईस्ट बंगाल ने सीएफएल 39 बार जीता है और हाल ही में अपनी स्थापना का 100वां साल पूरा किया है। उसके चिर प्रतिद्वंद्वी मोहन बागान ने यह ट्राफी 30 बार जीती है और मोहम्मडन स्पोटिर्ंग ने तो 11 बार ट्राफी उठाई है।

एटीके के रिजर्व टीम हेड कोच डेगी कारदोजो ने कहा, हमारा लक्ष्य दो साल मे बड़ी टीमों का सामना करना है। हम अगले सीजन प्रोमोशनंस की हैट्रिक पूरी करना चाहते हैं।

अपने गृहप्रदेश गोवा में भी कोरदोजो को एफसी गोवा की ओर से इसी तरह का आफर मिला था लेकिन उन्होंने उसे नकारते हुए कोलकाता आकर इस चुनौती को स्वीकार किया।

कोरदोजो ने कहा, मैं अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकला। मुझे सबसे अधिक खुशी इस बात की है कि मैं युवाओं के लिए सीनियर टीम में जाने का रास्ता बना रहा हूं। इस सीजन में कोच एंटोनियो लोपेज हाबास ने रिजर्व टीम के तीन खिलाड़ियों को मुख्य टीम में शामिल किया है। मैं खुश हूं कि सुमित राठी, अनिल चावन और लारा ने सीनियर टीम में जगह बनाई है। अब वे एटीके की सफलता में योगदान देने के लिए तैयार और उत्सुक हैं।

पांच साल पुराने एटीके ने अपनी यात्रा सही ट्रैक पर रहते हुए की है। यह सफर एसे प्रदेश में शुरू हुआ है, जहां फुटबाल को लेकर जबरदस्त प्यार और जुनून है। एसे में क्लब द्वारा सही दिशा में किए जा रहे निवेश का फल निश्चित तौर पर मिलेगा।

Created On :   18 Oct 2019 11:30 AM IST

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