ललित मोदी मामला : हाईकोर्ट से मिली BCCI प्रतिनिधि को उपस्थित रहने की इजाजत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) के प्रतिनिधि को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व कमीश्नर ललित मोदी की ओर से गवाहों से की जानेवाली जिरह के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दे दी है। मोदी पर साल 2009 में दक्षिण अफ्रिका में IPL के आयोजन के दौरान विदेश विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप है। जिसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मोदी के खिलाफ कार्रवाई शुरु की है।
BCCI के प्रतिनिध को उपस्थित रहने की मिली इजाजत
इस कार्रवाई के मद्दे नजर मोदी कुछ गवाहों से जिरह करेंगे। जिरह के दौरान BCCI के प्रतिनिधि को उपस्थित रहने दिया जाए। इस मांग को लेकर BCCI ने कोर्ट में आवेदन दायर किया था। बुधवार को जज एससी धर्माधिकारी व जस्टिस पीडी नाईक के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई। BCCI की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रफीक दादा ने कहा कि जिन गवाहों से मोदी जिरह करनेवाले उसमे से कुछ लोग BCCI के पूर्व सदस्य भी है।
जिरह में हिस्सा नहीं ले सकेंगे BCCI के प्रतिनिधि
जिरह के दौरान BCCI के प्रतिनिधि को उपस्थित रहने की इजाजत दी जाए। इन दलीलों को सुनने के बाद बेंच ने BCCI के प्रतिनिधि को जिरह के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दे दी। लेकिन यह स्पष्ट किया कि BCCI के प्रतिनिधि जिरह में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस
इससे पहले पुणे के एक्टिविस्ट विहार धुर्वे ने RTI के तहत जानकारी मांगी थी, कि ललित मोदी और विजय माल्या को भारत लाने की कोशिशों में कितना पैसा खर्च हुआ, हलांकि CBi ने जानकारी देने से इनकार कर दिया था। CBi ने कहा था कि मोदी-माल्या को इम्युनिटी (सुरक्षा) मिली हुई है। मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। CBi ने कहा था कि 2011 के सरकारी नोटिफिकेशन के तहत RTI के जरिए ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं दी जा सकती। RTI में कहा गया था कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में जानकारी देने को लेकर किसी तरह की छूट नहीं दी गई है।
Created On :   28 Feb 2018 7:47 PM IST