मध्यप्रदेश: स्वदेशी अपनायें, स्वाध्यायी बनें, समय का प्रबंधन करें और हमेशा कुछ बड़ा करने की सोचें - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

स्वदेशी अपनायें, स्वाध्यायी बनें, समय का प्रबंधन करें और हमेशा कुछ बड़ा करने की सोचें - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
  • रोजगार आधारित उद्योग लगाने में सरकार देगी मदद
  • बड़ी गौशालाओं का प्रबंधन करेगी राज्य सरकार
  • अभ्युदय विश्वविद्यालय का शुभारंभ कर विद्यार्थियों से किया संवाद

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत को विकसित बनाने में युवाओं का सबसे बड़ा योगदान होगा। इतिहास गवाह है कि क्रांतियों के सूत्रधार हमेशा युवा ही रहे हैं। भारत और मध्यप्रदेश को विकसित बनाने में हमारे युवाओं को अपनी असीम ऊर्जा का देश और समाज के नवनिर्माण में समुचित उपयोग करना सीखना होगा। यह हमारी जिम्मेदारी भी है और जरूरत भी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे देश से प्रेम करें। अपने ज्ञान, प्रतिभा का यहीं पर प्रदर्शन कर माटी का कर्ज चुकायें। उन्होंने युवाओं को प्रगति का मार्ग बताते हुए कहा कि युवा स्वदेशी अनपाने की ओर बढ़ें, रोजाना स्वाध्याय करें। अपने समय का समुचित तरीके से प्रबंधन करें जिससे एक-एक मिनिट का उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि यदि जीवन में कुछ बनना है तो हमेशा बड़ा करने की सोचें, बड़े सपने देखें और इन सपनों को पूरा करने के लिए प्राण-प्रण से जुट जायें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को खरगौन में रेनेसां ग्रुप इंदौर द्वारा स्थापित अभ्युदय विश्वविद्यालय के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन एवं परिसर में राम दरबार की स्थापना कर विश्वविद्यालय का विधिवत् शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विक्रम परमार को उनकी समर्पित सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने युवा संवाद में दिया छात्रों को मार्गदर्शन

विश्वविद्यालय के छात्रों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन मांगा। कंप्यूटर साइंस के छात्र निखिल यादव ने मुख्यमंत्री से पूछा कि विकसित भारत 2047 की अवधारणा में मध्य प्रदेश के युवा अपनी क्या भूमिका निभा सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि युवा अपनी पसंद के क्षेत्र में पढ़ाई पूरी करें और आदर्श किसान, शिक्षक, उद्योगपति अथवा राजनेता बनने का सपना देखें। आपके सपने सच करने के लिए राज्य सरकार आपके साथ खड़ी है।

कृषि विज्ञान की छात्रा सीमा यादव ने पूछा कि जनजातीय समुदाय में आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार क्या काम कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि खरगोन जिले में दो कृषि विद्यालयों की स्थापना कर उन्नत खेती के गुर सिखाए जा रहे है। मिर्ची एवं अन्य स्थानीय कृषि उत्पादों के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तथा टेक्सटाइल उद्योग लगाने में सरकार सहायता दे ही है।

एमबीए के छात्र मयंक अधिकार ने मुख्यमंत्री से उनकी व्यस्त दिनचर्या के प्रबंधन कौशल के बारे में जानना चाहा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पर्याप्त नींद लेना, अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखन और प्रतिदिन पुस्तकें पढ़ कर नया सीखने की आदत डालना सफलता की कुंजी है। विद्यार्थी अपने लक्ष्यों के लिए चरणबद्ध रूप से काम करें और उन्हें समय पर पूरा करने के प्रयास करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं अन्यजनों को मध्यप्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में रोजगार आधारित उद्योग की स्थापना करने पर निवेशकों और उद्योगपतियों को भरपूर मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के हर नागरिक को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है, इसके लिए हमने गौपालन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी बनाने के लिए वर्तमान दुग्‍ध उत्पादन 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य के लिए हमने डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना की शुरुआत की है। इसमें किसानों और गौपालकों को डेयरी शुरू करने के लिए भरपूर अनुदान दिया जा रहा है। इन सभी प्रयासों से दुग्ध उत्पादन में तेजी लाकर हम सभी गौपालकों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया‍ कि सरकार ने कामधेनु योजना में राज्य सरकार 25 से अधिक गायों पर 40 लाख के लोन पर 10 लाख रूपये का अनुदान दे रहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी बड़ी ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिका/नगर निगमों में बड़ी गौशालाएं स्थापित की जाएंगी। इन गौशालाओं का प्रबंधन सरकार अपने स्तर पर करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने गंभीर मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस के साथ ही गौमाता के लिए भी गौ-एम्बुलेंस शुरू की है। अगर कोई संगठन बड़ी गौशालाएं बनाना चाहते हैं, तो उन्हें 130 एकड़ जमीन देंगे। प्रदेश में ऐसी 20 बड़ी गौशालाएं स्थापित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि अभ्युदय विश्वविद्यालय परिसर में राम दरबार स्थापित करने का मौका मिला। भारतीय परंपरा ऐसी है कि हम नदी, पहाड़, पेड़ को भी भगवान मानकर पूज लेते हैं। सरकार ने खरगौन में पहले टंट्या मामा के नाम से क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय बनाया, अब दूसरे अभ्युदय विश्वविद्यालय की शुरुआत खरगौन में हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से पूछा कि त्यौहार और पर्व में क्या अंतर है? जवाब भी मुख्यमंत्री ने ही दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में जब हम ईश्वर की उपवास करके आराधना करते हैं, तो उसे पर्व कहा जाता है और जब दूसरों के साथ खुशियां बांटने तथा खान-पान की पूरी छूट मिले, तो उसे त्यौहार कहते हैं। मुख्यमंत्री ने पूछा कि भगवान राम के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण कौन सा था? जवाब में उन्होंने ही बताया कि जब महर्षि विश्वामित्र ने जंगल में राक्षसों को मारने के लिए महाराज दशरथ से उनके सुकुमारों राम और लक्ष्मण को मांग लिया। विश्वामित्रजी उनके गुरु थे और उन्होंने युवाशक्ति पर ही विश्वास जताया। भगवान राम ने निशाचरों का अंत किया। विश्वामित्र ने राम को समाज के हर वर्ग और उनकी पीढ़ा से परिचय कराया। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने राजपाठ छोड़कर जंगल जाना स्वीकार किया। शबुरी के जूठे बेर खाकर उनके साथ प्रेम और निषादराज को गले लगाकर उनसे मित्रता निभाई। हमारा काम कितना ही जरूरी क्यों नहो, लेकिन अगर मित्र पर संकट है, तो उसकी मदद कैसे करें? ये रामायण में बाली-सुग्रीव प्रसंग से समझा जा सकता है।

भगवान राम के जीवन को आत्मसात करना छात्रों के लिए अभ्युदय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समाज के गरीब से गरीब और वंचित व्यक्ति के प्रति प्रेमभाव रखना, संकट के समय मित्र की सदैव सहायता करो, प्रकृति का संरक्षण करो, अपने सामर्थ्य और उपलब्ध संसाधनों के भरोसे किसी भी क्षेत्र में सफलता पा लेना, यह सब हमें भगवान राम ने सिखाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके सर्वश्रेष्ठ सजीव उदाहरण हैं। एक सामान्य परिवार से आने वाले मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनें, 4 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने रतन टाटा जी को टाटा की नैनो कार के कारखाने के लिए स्थान दिया। अभिनेता मनोज कुमार ने फिल्मों के जरिये भारतीय नागरिकों में राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया के कई देश हमसे प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। हम 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' के माध्यम से संकल्प लें कि अब से हम स्वदेश में निर्मित सामान ही खरीदेंगे। इसके जरिए हम अपने किसानों को उनकी फसल का समुचित दाम दिला पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा साथी सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि एक आदर्श किसान, शिक्षक, उद्योगपति और आदर्श राजनेता बनने का भी सपना देखें। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। किसान खेती के साथ मधुमक्खी पालन से आय बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश में कृषि आधारित शिक्षा एवं उद्योगों को प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। सरकार फूड इंडस्ट्री, एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री, मेडिकल कॉलेज/हॉस्पिटल खोलने के लिए भी सहायता दे रही है। यदि कोई 50 करोड़ का होटल खोलता है तो सरकार उसे 15 करोड़ रूपए का अनुदान देगी।

अभ्युदय विश्वविद्यालय के संस्थापक स्वप्निल कोठारी ने कहा कि जनजातीय वर्ग के लोगों ने अपने पुरुषार्थ से अपना भाग्य बदला और आज झाबुआ की लाडो बाई और मनीषा बाई जैसी कई प्रतिभाएं राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंचल का नाम रोशन कर रही हैं। विश्वविद्यालय कैंपस में राम दरबार की स्थापना की गई है। कोई व्यक्ति पुरुषार्थ कर पाता है, तो यह भी प्रभु राम की ही कृपा है। साधना के बल पर कोई भी असंभव को संभव बना सकता है। खरगोन में बना ये विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जनजातीय कल्याण के प्रति संवदेनशीलता और समर्पण का परिणाम है। यहां उच्च शिक्षा प्राप्त कर जनजातीय समाज के विद्यार्थी भी समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर अपने स्वविकास एवं सफलता की नई कहानियां गढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय परिसर में पौध-रोपण भी किया। कार्यक्रम में खरगोन सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, खण्डवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक बड़वाह सचिन बिड़ला, विधायक राजकुमार मेव, पूर्व विधायक बालकृष्ण पाटीदार सहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय परिवार के अधिकारी-कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

Created On :   3 Aug 2025 1:16 AM IST

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