बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इस प्रकार एग्जिट पोल की होती है सर्वे, कितना आता होता है खर्च, जानिए

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में आज विधानसभ चुनाव के दूसरे चरण का मतदान समाप्त हुआ। पूरे देश में इन दिनों बिहार चुनाव की चर्चा हो रही है। हर तरफ लोग बस बंपर वोटिंग की बातें कर रहे हैं। जनता कह रही है इस बार इतिहास दोहराया जाएगा या फिर सरकार करवट लेगी। लेकिन इसका फैसला तो 14 नवंबर को परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन चुनावी रिजल्ट से पहले लोगों के सामने एग्जिट पोल सामने आता है। वह आ गया है। इससे सरकार किसकी बन रही है इसका अनुमाल लगाया जाता है। क्या आपने इसके बारे में भी सोचा है कि इसे कराने में कितना पैसा लगता है और इसे कैसे कराया जाता है। अगर नहीं तो आज आपको इसके बारे में पूरे विस्तार से बताते हैं। कि इसे कराने में कितना खर्च आता है।
एग्जिट पोल कैसे होता है?
आपको बता दें, जिस दिन मतदान खत्म होता है उसी दिन एग्जिट पोल होता है। इसे सभी टीवी चैनल और अखबारों में दिखाया जाता है। ऐसा इसलिए होता है, जब कोई मतदाता वोटिंग करके बाहर निकलात है तो उससे मीडिया के लोग सवाल करते हैं। उनके मन को टटोलने की कोशिश करते हैं। मतदाता से पूछने की कोशिश करते हैं कि उनके मन में क्या है। मतदाता किस पार्टी को सपोर्ट कर रहा है। साथ ही उसने अपना वोट किसे दिया है?
यह सर्वे उन सभी लोगों पर किया जाता है जो वोट डालकर बाहर आते हैं। मतदान के आखिरी दिन तक जुटाए गए आकंड़ों का विश्र्लेषण करते हैं। उसके बाद उसी दिन की शाम तक टीवी पर एग्जिट पोट दिखाए जाते हैं। हालांकि ये जरूरी नहीं है कि एग्जिट पोल हमेशा सही साबित हो। कई बार एग्जिट पोल गलत भी हो जाते हैं। और नतीजे अनुमान के विपरीत आते हैं।
सर्वे कराने में कितना खर्च आता है?
आपको जानकारी के लिए बता दें, कि एग्जिट पोल का पूरा खर्च सैंपल के हिसाब से होता है। इसका मतलब जितना बड़ा सैंपल होगा उतना ज्यादा खर्च आता है। सैंपल साइज लोगों की संख्या पर तय होता है कि कम लोगों पर इसे कराना है या ज्यादा लोगों पर। हम मानकर चलते हैं कि अगर एजेंसी 70 हजार लोगों पर एग्जिट कराना चाहती है तो 2.5 से 3 करोड़ का खर्च आता है। अगर यही आंकड़ा लाखों लोगों पर किया जाएगा। तो 5 से 10 करोड़ रुपए का खर्च हो सकता है। वैसे तो खर्च का यह एक अनुमान है।
Created On :   12 Nov 2025 12:30 AM IST












