MP News: नीलगाय और ब्लैकबक पकड़ने साउथ अफ्रीका से आएगी 6 सदस्यीय टीम, रॉबिंसन हेलीकॉप्टर की ली जाएगी मदद

नीलगाय और ब्लैकबक पकड़ने साउथ अफ्रीका से आएगी 6 सदस्यीय टीम, रॉबिंसन हेलीकॉप्टर की ली जाएगी मदद
  • नीलगाय और ब्लैकबक पकड़ने साउथ अफ्रीका से आएगी 6 सदस्यीय टीम
  • रॉबिंसन हेलीकॉप्टर की ली जाएगी मदद, 2 लाख 80 हजार प्रतिघंटे भुगतान
  • वन विभाग ने शुरू कर दी अपनी तैयारियां

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में नीलगायों और काले हिरण(भारतीय मृग) से फसलों को बचाने के लिए रॉबिंसन हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी। इसके लिए वन विभाग की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों में किसान काले हिरण और नीलगाय से परेशान हैं। शाजापुर में काले हिरणों की संख्या तेजी से बढ़ी है। करीब 100 नीलगाय और 400 ब्लैकबकों की संख्या का अनुमान है। हालांकि सटीक आंकड़ा काले हिरणों का अभी नहीं है। ये दोनों वन्यजीव खुले में रहना ज्यादा पसंद करते हैं । जिसकी वजह से खेतों में पहुंच जाते हैं और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं।

समस्या के समाधान के लिए साउथ अफ्रीका से अक्टूबर माह में 6 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम आएगी। रॉबिंसन हेलीकॉप्टर को 20 दिन के लिए किराए पर लिया जाएगा। जिसका प्रतिघंटे 2 लाख 80 हजार रुपये का भुगतान होगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वाइल्ड लाइफ) शुभरंजन सेन ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका की टीम बारिश के बाद हेलीकॉप्टर की मदद से ब्लैकबक और नीलगाय को पकड़ा जाएगा।

इसमें हेलीकॉप्टर के जरिए वन्यजीव को एकत्रित किया जाता है। हेलीकॉप्टर से कठिन क्षेत्रों में दोनों वन्य जीवों को काबू में कर बाड़ों में रखा जाएगा। इनको गांधी सागर अभयारण्य और कूनो नेशनल पार्क सहित समेत दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। रॉबिन्सन हेलीकॉप्टर को घंटे के हिसाब से हायर किया गया है। साउथ अफ्रीकी टीम के विशेषज्ञ हमारे वन विभाग की टीम को प्रशिक्षण भी देंगे । यह अधिकतर खुले इलाके में रहना पसंद करते हैं, इसलिए खेतों में आ जाते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे लंबे समय से किसान भी परेशान हैं।

Created On :   22 Aug 2025 3:17 PM IST

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