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MP News: भ्रष्ट मेहरा ने बेटे की केटी इंडस्ट्रीज को 6 सरकारी निर्माण एजेंसियों में भी दिलाई ठेके के लिए एंट्री

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड इंजीनियर इन चीफ (ईएनसी) गोविंद प्रसाद मेहरा (जीपी मेहरा) ने बेटे रोहित और पार्टनर कैलाश नारायण नायक की केटी इंडस्ट्रीज को न सिर्फ पीडब्ल्यूडी में सरकारी ठेके लेने के लिए एंट्री दिलाई, बल्कि शासन की 6 निर्माण एजेंसियों में भी कम समय में ठेके लेने की एंट्री दिलाई। मेहरा ने सबसे पहले पीडब्ल्यूडी-पीआईयू में अपने पद-प्रभाव से केटी इंडस्ट्रीज के प्रोडक्ट्स के मैक का अनुमोदन करवाया। इसी आधार पर सरकारी स्कूलों में इलेक्ट्रीकल प्रोडक्ट के लगाने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई), बिल्डिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन (बीडीसी), पुलिस हाउिसंग कारपोरेशन, भोपाल नगर निगम और मप्र हाउिसंग बोर्ड में भी केटी इंडस्ट्रीज के प्रोडक्ट को अनुमोदित किया गया है। अब जांच एजेंसियां इन सभी एजेंसियों द्वारा केटी इंडस्ट्रीज को दिए गए ठेकों और वर्क ऑर्डर, काम की गुणवत्ता आिद से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। बताया जा रहा है कि जल संसाधन विभाग और उद्योग विभाग में भी केटी इंडस्ट्रीज को एंट्री दिलाने बातचीत चल रही थी, इसी बीच मेहरा के यहां लोकायुक्त का छापा पड़ गया है।
लगभग 5 साल में आधा दर्जन निर्माण एजेंसियों में केटी इंडस्ट्रीज के केटी इंडस्ट्री कंड्यूट पाइप, पीवीसी पाइप बैंड, जीआई कैबल ट्रै, जंक्शन बॉक्स, मॉड्यूलर इलेक्ट्रीक बॉक्स, फेन बॉक्स, पीवीसी जंक्शन बॉक्स, कंसिल्ड मैटल बॉक्स का रिटेल, होलसेल और सरकारी ठेकों में सप्लाय आिद प्रोडक्ट को आसानी से अनुमोदन मिलना भी शंकास्पद है। आिर्थक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ट (ईओडब्ल्यू) द्वारा पीडब्ल्यूडी में किए गए अनुमोदन से संबंधित अभिलेखों की छानबीन कर रही है, जिसके आधार पर अन्य निर्माण एजेंसियों में अनुमोदन मिला है। इसमें मेहरा की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है और पद का दुरुपयोग की भी जांच की जा रही है। अन्य एजेंसियों के जिन अिधकारियों ने केटी इंडस्ट्रीज के प्रोडक्ट का अनुमोदन किया है, उनकी भूमिका भी संदेहास्पद है। इन निर्माण एजेंसियों से भी ईओडब्ल्यू ने जवाब मांगा है।
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ईओडब्ल्यू और जीएसटी ने रोहित मेहरा की तनिष्क इलेक्ट्रीकल्स को भी नोटिस जारी किया है। तनिष्क इलेक्ट्रीकल्स पर आरोप है कि जीएसटी चाेरी की है। वहीं, रोहित के पार्टनर कैलाश नारायण नायक की कंदर्प इंजीनियरिंग की भी जांच शुरु की है। जांच में पाया गया है कि कंदर्प इंजीनियरिंग वो सामग्री सप्लाय करती थी, जो केटी इंडस्ट्रीज में नहीं बनाई जाती थी। जैसे इलेक्ट्रीक पोल, पंखे, स्वीच-सॉकेट आिद। कंदर्प इंजीनियरिंग पोल लगाने में मानकों के अनुरुप काम नहीं करती थी, इसकी, मप्र सड़क विकास निगम में भी शिकायत प्रचलन में है, लेकिन इसे दबा रखा है। मेहरा और कैलाश नारायण जांच एजेंसियों के नोटिस के जवाब नहीं दे पा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों निश्चिंत थे कि कुछ नहीं होगा, इसलिए कागजों में भी खामियां होने से जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
Created On :   20 Nov 2025 3:12 PM IST












