म.प्र. में महिला सशक्तिकरण: ग्रामीण आजीविका मिशन से मिला मंजूलता को लाभ, स्व-सहायता समूह से जुड़ते ही जीवन में खुशहाली, खेती से मिली आर्थिक मजबूती

ग्रामीण आजीविका मिशन से मिला मंजूलता को लाभ, स्व-सहायता समूह से जुड़ते ही जीवन में खुशहाली, खेती से मिली आर्थिक मजबूती
  • मंजूलता के जीवन में आई खुशहाली
  • स्व-सहायता समूह में हुईं शामिल
  • ग्रामीण आजीविका मिशन ने बदली जिंदगी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। महिलाओं को सशक्त बनाने में एमपी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की अहम भूमिका है। इसके जरिए उन्हें आर्थिक मदद दे कर मजबूत बनाया जा रहा है। वह स्व-सहायता समूह से जुड़ कर खुशहाल जीवन यापन कर रही हैं। इस बीच कटनी जिले के ग्राम बण्डाट की मंजूलता हल्दकार ने भी ग्रामीण आजीविका मिशन का लाभ लिया है। उन्होंने बताया कि जब वह स्व-सहायता समूह का हिस्सा नहीं थीं तो उन्हें क्या-क्या परेशानियां झेलनी पड़ती थीं?

क्या थीं मंजूलता की समस्या?

मंजूलता हल्दकार ने बताया कि जब वह स्वयं सहायक समूह (SHG) का हिस्सा नहीं थीं तो उन्हें पैसों की समस्या बनी रहती थी। वह मजदूरी करती थीं। जब कभी अचानक से पैसों की जरूरत पड़ जाती थी तो उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। अगर ब्याज पर पैसे मिल भी जाते थे तो इंटरेस्ट रेट इतना होता था कि उसे चुकाना आसान नहीं होता था।

ग्रामीण आजीविका मिशन से मिला लाभ

मंजूलता ने ग्रामीण आजीविका मिशन से लाभ लेते हुए 14 महिलाओं को जोड़ कर "जागृति स्व-सहायता समूह" बनाया। यह सभी महिलाओं ने हर हफ्ते 10 रुपए बचाना शुरू किया है। प्रथम ग्रेडिंग के रूप में प्राप्त 14,000 रुपए और उसके समूह को सीआईएफ राशि 50,000 ग्राम संगठन से हासिल हुई। प्राप्त राशि की मदद से मंजूलता ने कृषि से जुड़े काम को बढ़ावा दिया। इसके अलावा उन्होंने एमपी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए सब्जी उत्पादन का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।

मंजूलता ने टमाटर, बैगन, मिर्च, लौकी, खीरा, हल्दी और अदरक की खेती शुरू की है ताकि वह उसे बेच सकें। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। आज मंजूलता गांव के लोगों को सब्जी उत्पादन की सलाह देती हैं।

Created On :   28 May 2025 4:44 PM IST

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