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बार-बार मायके जाती थी पत्नी, परेशान पति ने लिया तलाक
- हाईकोर्ट का फैसला
- पति की विनती को किया मान्य
डिजिटल डेस्क, भास्कर प्रतिनिधि, नागपुर । अपने जीवन साथी से बगैर किसी ठोस वजह के अलग रहना तलाक का आधार है। यह दर्शाता है कि जीवन साथी दूसरे को जानबूझ कर नजरअंदाज कर रहा है। इस निरीक्षण के साथ हाई कोर्ट ने अकोला पारिवारिक न्यायालय द्वारा मंजूर किए गए तलाक को कायम रखा है।
दर्ज मामले के अनुसार इस दंपत्ति का विवाह 16 जून 2006 को अकोला में हुआ था। विवाह के बाद पत्नी ने वर्ष 2007 में एक बेटे को जन्म दिया। इसके बाद भी पति पत्नी की आपसी में नहीं बनी। ऐसे में वर्ष 2013 में पत्नी अपने बेटे को लेकर मायके लौट गई। पत्नी के ससुराल से चले जाने के आधार पर पति ने पारिवारिक न्यायालय में तलाक की अर्जी दायर की।
2 साल किया इंतजार : अकोला के पारिवारिक न्यायालय ने 2 जनवरी 2021 को पति की विनती मान्य करते हुए तलाक मंजूर कर लिया। इसके खिलाफ पत्नी ने हाई कोर्ट की शरण ली। पति ने हाई कोर्ट में दलील दी कि विवाह के बाद से ही पत्नी बार बार बिना किसी ठोस वजह के मायके चली जाती थी। उसे ससुराल में रहना पसंद नहीं था। वर्ष 2013 में एक दिन जब पति घर पर नहीं था, तब वह ससुराल छोड़ कर मायके चली गई। पति के घर लौटने पर उसने पत्नी को फोन करके वापस लौटने को कहा, लेकिन पत्नी ने लौटने से इनकार कर दिया। पत्नी का करीब 2 वर्ष तक इंतजार करने और उसे बार बार घर लौटने का अनुरोध करने के बाद आखिरकार पति ने अकोला के पारिवारिक न्यायालय में तलाक की अर्जी दायर की, जिसे न्यायालय ने मान्य कर लिया। मामले में जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद पत्नी की याचिका खारिज करते हुए तलाक कायम रखा है।
Created On :   24 May 2023 11:33 AM IST