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Pune City News: मुंढवा जमीन खरीदी के दस्तावेज जब्त

- दस्तावेज में नाम न होने के कारण पार्थ पवार पर एफआईआर नहीं
- नहीं ली गई निर्धारित स्टांप ड्यूटी
- शीतल तेजवानी का धोखाधड़ी का इतिहास
भास्कर न्यूज, पिंपरी-चिंचवड़। पुणे शहर के मुंढवा स्थित 40 एकड़ जमीन के विवादित मामले में बावधन पुलिस स्टेशन में गुरुवार देर रात मुकदमा दर्ज किया गया। जमीन की खरीद-फरोख्त करते समय दर्शाया गया कि शीतल किशनचंद तेजवानी नामक महिला के पास जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह जमीन पार्थ पवार के ममेरे भाई दिग्विजय को बेच दी गई थी। मामले में अभी तक पार्थ पवार की भूमिका सामने नहीं आई है, इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
मुंढवा स्थित सर्वे नंबर 88 हिस्सा नंबर 1 से 26 में से 44 में से 40 एकड़ जमीन अशोक आबाजी गायकवाड़ और अन्य 271 लोगों की है। इस संबंध में शीतल तेजवानी कुलमुखत्यार धारक हैं। उन्होंने यह जमीन पार्थ पवार की 99% हिस्सेदारी वाली अमेडिया इंटरप्राइजेस एलएलपी कंपनी के शेष 1% हिस्सेदार और पार्थ पवार के ममेरे भाई दिग्विजय अमरसिंह पाटिल को बेच दी। खरीद दस्तावेज में जमीन का बाजार मूल्य 294 करोड़ 65 लाख 89 हजार रुपए दिखाया गया है और जमीन के लिए बाजार मूल्य से छह करोड़ रुपए (300 करोड़ रुपए) अतिरिक्त देने का उल्लेख है। जमीन के दस्तावेज पर मुंबई सरकार का नाम दर्ज है। इसलिए, जमीन की खरीद-फरोख्त करते समय शासन की अनुमति लेना अनिवार्य है। जांच में सामने आया है कि शीतल तेजवानी ने ये अनुमतियां नहीं लीं।
नहीं ली गई निर्धारित स्टांप ड्यूटी
दस्तावेज का पंजीकरण करते समय नियमानुसार हवेली स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस-चार के उपनिबंधक रवींद्र बालकृष्ण तारू को 21 करोड़ रुपए का मुद्रांक शुल्क (स्टांप ड्यूटी) लेना थी, जो उन्होंने नहीं ली। इसलिए, इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बहरहाल बावधन पुलिस ने पाषाण स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचकर जमीन खरीदी के दस्तावेज हासिल कर लिए हैं। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने बताया कि जब्त किए गए कागजातों की जांच पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शीतल तेजवानी का धोखाधड़ी का इतिहास
पिंपरी-चिंचवड़ में सेवा विकास सहकारी बैंक की आर्थिक धोखाधड़ी के मामले में शीतल तेजवानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। शीतल और उसके पति सागर सूर्यवंशी ने मिलकर पिंपरी-चिंचवड़ की दी सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक से लगभग 41 करोड़ रुपए का जाली कर्ज लिया था। महंगी गाड़ियों और लॉन बनाने के नाम पर द सेवा विकास बैंक की अलग-अलग शाखाओं से 41 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर शीतल और सागर ने बैंक के साथ धोखाधड़ी की थी। तलेगांव दाभाड़े में मार्च-21 में फिरौती का एक मुकदमा दर्ज है, जिसमें शीतल और सागर का नाम आरोपी के रूप में है। लोहगांव एयरपोर्ट रोड पर संपत्ति में हिस्सा मिले या 50 करोड़ रुपए दिए जाएं, ऐसी मांग आठ लोगों ने की थी। संपत्ति में हिस्सा या पैसे न मिलने पर एक व्यक्ति के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करके उसे बदनाम किया गया था।
फिलहाल शीतल फरार
शीतल तेजवानी के खिलाफ पहले सीआईडी और ईडी द्वारा भी कार्रवाई की गई है। शीतल को सेवा विकास सहकारी बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार भी किया गया था। उनके खिलाफ पहले भी किसानों के साथ धोखाधड़ी के दो मुकदमे दर्ज हैं। अब बावधन पुलिस स्टेशन में जमीन धोखाधड़ी के आरोप में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उसके बाद से शीतल फरार हैं। बावधन पुलिस उनकी तलाश कर रही है। शीतल ने जमीन लेन-देन के लिए इस्तेमाल किए गए पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर के लिए जिस पते का उपयोग किया, उस परमाउंट इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी के ऑफिस पर फिलहाल ताला लगा है। इसलिए, बावधन पुलिस के सामने शीतल को ढूंढना चुनौती है।
जमीन के 7/12 पर मुंबई सरकार का नाम दर्ज है। उसकी जांच कर दस्तावेज का पंजीकरण करना चाहिए था। साथ ही, नियमानुसार स्टांप ड्यूटी भी लेना थी। दोनों नियमों का पालन नहीं होने से पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर जिसने जमीन बेची, जिसने खरीदी और जिस उपनिबंधक ने पंजीकरण किया, उन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दस्तावेज में जो नाम हैं, उन्हीं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
संतोष हिंगाणे, पंजीकरण जिलाधिकारी, पुणे
मुद्रांक जिलाधिकारी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में जो नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी।
विशाल गायकवाड़, पुलिस उपायुक्त, पिंपरी चिंचवड़
Created On :   8 Nov 2025 5:44 PM IST












