कूनो नेशनल पार्क में आने वाले विदेशी चीतों को क्या देसी तेंदुओं से होगा नुकसान, एक्सपर्ट से जानिए क्या होगा जब आमने-सामने होंगी दो खूंखार बिग कैट्स, कूनों में क्यों पकड़े जा रहे हैं तेंदुए

कूनो नेशनल पार्क में आने वाले विदेशी चीतों को क्या देसी तेंदुओं से होगा नुकसान, एक्सपर्ट से जानिए क्या होगा जब आमने-सामने होंगी दो खूंखार बिग कैट्स, कूनों में क्यों पकड़े जा रहे हैं तेंदुए
टाइगर स्टेट को चीतों का इंतजार कूनो नेशनल पार्क में आने वाले विदेशी चीतों को क्या देसी तेंदुओं से होगा नुकसान, एक्सपर्ट से जानिए क्या होगा जब आमने-सामने होंगी दो खूंखार बिग कैट्स, कूनों में क्यों पकड़े जा रहे हैं तेंदुए

डिजिटल डेस्क,भोपाल।  भारत में विलुप्त हो चुके चीते अब फिर से टाइगर स्टेट कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश में दहाड़ते दिखाई देंगे। नामीबिया से 8 चीतों को मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में लाया जा रहा है। 1952 में भारत के जंगलों से विलुप्त हो चुकी इस प्रजाति को दोबारा देश में स्थापित करने के लिए सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है। लेकिन सरकार का यह प्रयास सफल होगा या नहीं यह तो कुछ सालों के बाद ही तय किया जाएगा। हालांकि उनके स्थानांतरण को लेकर विशेषज्ञों की राय अलग अलग तरह से सामने आ रही है।

कुछ विशेषज्ञों का मानना यह है कि भारत में पहले भी चीते रहा करते थे और रही बात कूनो की तो बताया यह भी जा रहा है कि नामीबिया के कुछ अधिकारियों ने यहां का दौरा कर लिया है उनकी सहमति के बाद ही कूनो में चीतों को छोड़ने की सहमति बनी है। 

टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो कुछ जानकारों का कहन है कि उन्हें यहां पर सर्वाइव करने में परेशानी हो सकती है। क्योंकि अभी चीता खुद के अस्तित्व को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि आफ्रीका में शेर आदि की वजह से कई चीतों की मृत्यु हो रही है। 

शायद इन्ही कारणों को ध्यान में रखते हुए कूनो पार्क के अधिकारियों ने यहां के सभी तेंदुओं को चीतों के आने के पहले ही पकड़ लिया है।

क्या चीतों को तेंदुए से खतरा होगा?

कूनो नेशनल पार्क के तेंदुओं को फॉरेस्ट अधिकारियों ने चीतों के बाड़े से काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाल दिया है। इसके बाद से ही  सवाल उठ रहे थे कि क्या चीतों को तेंदुओं से कोई खतरा होगा।इस बारे में वन्यजीव विशेषज्ञ और वन विहार के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर एके जैन ने ईटीवी भारत को जानकारी दी कि इसकी संभावना कम ही हैं कि चीतों को तेंदुओं से कोई नुकसान होगा। हालांकि ऐसा हो सकता है  कि तेंदुए और चीतों का कभी आमना-सामना हुआ तो तेंदुए इनको देखकर डरेंगे। उनका मानना है कि दोनों का शिकार करने का तरीका एक है दोनों ही अपने शिकार को खींचकर पेड़ो पर टांग देते हैं, हो सकता है कि शिकार को लेकर झगड़े हों, लेकिन ऐसा होने पर भी चीते, तेंदुओं पर भारी पड़ेंगे। इसके पीछे वजह है उनकी तेंदुओं से बड़ी हाइट का होना और शारीरिक रूप से भी चीते मजबूत होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तेंदुआ हमेशा अकेला ही शिकार करता है लेकिन चीते झुंड में भी रहते हैं।

एमपी की परिस्थितियां चीतों के अनुकूल!

चीतों को कूनो में लाए जाने के बाद भले ही उनके सर्वाइव करने को लेकर सवाल उठ रहे हों लेकिन वन्यजीव विशेषज्ञ एसएस राजपूत के कहना है कि मध्यप्रदेश के जंगल चीतों के रहने और वंशवृद्धि के लिए अनुकूल हैं।  एमपी में पहले भी चीते रह चुके हैं। मध्यप्रदेश का मौसम दक्षिण अफ्रीका के मौसम से बेहतर है। कूनो पार्क में उनको पानी पीने के लिए कूनो नदी है। वहीं शिकार के लिए यहां पर भारी संख्या में चीतल व अन्य जानवार मौजूद है। यही वजह है कि विशेषज्ञों को पूरा भरोसा है कि अफ्रीका से आने वाले चीते यहां के जंगल में वातावरण अनुकूल होने की वजह से जल्द एडजस्ट हो जाएंगे।

वन्य जीव विशेषज्ञ सुदेश बाघमारे के हवाले से ईटीवी भारत के मुताबिक मध्यप्रदेश में नामीबिया से लाए जा रहे चीते अफ्रीकन नस्ल के हैं। उनका कहना है कि वे भारत में पाए जाने वाली नस्ल के कुछ चीते केवल ईरान में पाए जाते हैं। यह चीते अफ्रीकन चीतों से थोड़ी कम हाइट के होते हैं। 

पीएम मोदी आएंगे कूनो 

बता दें मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते लाए जा रहे हैं। इनमें 5 नर और 3 मादा शामिल हैं। इन चीतों को नामीबिया से लाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन  पर चीतों के पिंजरे खोलेंगे।

बताया जा रहा है कि चीतों के पिंजरो के खोलने के समय पीएम के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय वन मंत्री और मध्यप्रदेश के वन मंत्री भी होंगे। 17 सितंबर को ठीक 12.05 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीते के पिंजरे का गेट खोलेंगे। चीतों के छोड़े जाने का लाईव प्रसारण भी होगा। इसके साथ ही 70 साल से देश में लुप्त श्रेणी में रखे गए चीते श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में नजर आएंगे। 

 

 

 

Created On :   14 Sep 2022 11:45 AM GMT

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