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मेलघाट के गांव-कस्बों में आज भी "आडा पटेल' का फैसला होता है मान्य

डिजिटल डेस्क, धारणी(अमरावती)। जिले के अतिदुर्गम कहे जाने वाले मेलघाट में आज भी गांव पंचायत का बड़ा महत्व है। इस पंचायत का फैसला सभी ग्रामवसियों को मंजूर रहता है। गांव पंचायत के प्रमुख आडा पटेल, गांव सचिव, विवादमुक्त समिति अध्यक्ष तथा सरपंच मिलकर गांव के हित में फैसले लेते हैं। जिसमें आडा पटेल की मुख्य भूमिका होती है। रविवार को धारणी तहसील के रत्नापुर गांव में गांव पंचायत हुई। पंचायत में (चावड़ी) पुराने आडा पटेल को बदलने हेतु पंचायत बुलाई गई थी। जिसमें पंचायत में नवनियुक्त आडा पटेल के रूप में मंसाराम जांभेकर को नियुक्त किया तथा सचिव के रूप में दयाराम कासदेकर का चयन किया।
गांव पंचायत को गांव के हित में फैसले लेने का पूरा अधिकार होता है। इसमें आदिवासी समाज की पंचायत बैंक भी एक हिस्सा होती है। पंचायत बैंक में लाखो रुपए का व्यवहार किया जाता है। हर साल इस पंचायत बैंक के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को कर्ज दिया जाता है तथा होली के पंचमी के दिन इसका पूरा लेखाजोखा किया जाता है। इसी प्रकार से गांव पंचायत द्वारा गांव में सामाजिक उपक्रम चलाए जाते हैं। गांव पंचायत की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी से चली आ रही है। यह परंपरा नई पीढ़ी के लिए आदर्श है। भले ही मेलघाट में आज भी कई गांव विकास से कोसों दूर दिखाई देते हैं, लेकिन यहां पर गांव कस्बों में आज भी गांव पंचायतों को बड़ा महत्व दिया जाता है। रविवार को हुई ग्राम पंचायत में आडा पटेल मंसाराम जांभेकर, सचिव दयाराम कासदेकर, विवादमुक्त समिति अध्यक्ष बलदेव पटोरकर, सरपंच गुलाबसिंग कासदेकर, कमलसिंह शिरोले, राजाराम जावरकर, शिवराम जांभेकर, भैयालाल जावरकर, रामगोपाल सवलकर, मुन्ना सवलकर, तोताराम कासदेकर, प्रेमलाल जावलकर, रमेश मांगीलाल, कालूराम जावरकर आदि सहित ग्रामवासी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
Created On :   4 July 2022 11:44 AM IST