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22 साल पहले रिटायर व मृत 206 पेंशनरों को ढूंढने में लगी सरकार

संजय प्रकाश शर्मा, भोपाल। राज्य सरकार 22 साल पहले 1 जनवरी 1996 के पहले रिटायर हुये या मृत 206 शासकीय पेंशनरों को ढूंढने में लग गई है। दरअसल प्रदेश के शासकीय पेंशनरों ने उनकी पेंशन बढ़ाने के लिए पुनरीक्षण करने की याचिका उच्च न्यायालय में लगाई थी। उच्च न्यायालय ने उनकी पेंशन का पुनरीक्षण किए जाने का आदेश दिया था। पुनरीक्षण न किए जाने पर लगी अवमानना याचिका पर उच्च न्यायालय ने इनकी पेंशन पुनरीक्षित न किए जाने पर अप्रन्नता व्यक्त की।
वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव को न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए गत 11 मई 2018 को आदेश जारी किए हैं। 206 पेंशनर ऐसे पाए गए हैं जिनका राज्य सरकार को अता-पता ही नहीं मिल रहा है। उच्च न्यायालय ने इन गायब पेंशनरों को ढूंढने और शपथ-पत्र के साथ जवाब देने के लिये राज्य सरकार को कहा है, जिस पर अब इन्हें ढूंढने की कार्यवाही की जा रही है।
अवमानना की यह याचिका पेंशन फेडरेशन ने हाईकोर्ट की इंदौर खण्डपीठ में लगाई हुई है। इस याचिका में 206 पेंशनरों के नाम उल्लेखित किये गये हैं जिनकी पेंशन 1 जनवरी 1996 से पुनरीक्षित नहीं हुई है। राज्य सरकार ने इन 206 पेंशनरों के बारे में पाया है कि इनमें से 14 पेंशनर अन्य राज्यों के पते पर निवासरत हैं जबकि 145 पेंशनर्स का विवरण अनुपलब्ध है और 41 पेंशनर्स मृत हो चुके हैं जबकि 6 पेंशनर्स ऐसे हैं जिनके बैंक खाते बंद हो चुके हैं।
राज्य सरकार ने राज्य के सभी जिला कोषालय अधिकारियों एवं संभागीय व जिला पेंशन अधिकारियों को कहा है कि वे 10 जून,2018 के पहले इन सभी लापता 206 पेंशनरों के बारे में संबंधित बैंकों में जाकर पता चलाए कि वे या उनके उत्तराधिकारी पेंशन ले रहे हैं या नहीं तथा वे किस पते पर निवासरत हैं। राज्य सरकार ने इन अधिकारियों को यह भी कहा है कि वे उक्त 206 पेंशनरों को छोडक़र अन्य पेंशनरों जिन्हें पुनरीक्षित पेंशन से 50 प्रतिशत कम तथा पुनरीक्षित परिवार पेंशन की दशा में 30 प्रतिशत से कम पेंशन मिल रही है तो उनका 1 जनवरी,1996 से एरियर का भुगतान किया जाए।
इनका कहना है :
‘‘हाईकोर्ट में लगी अवमानना याचिका में जिन पेंशनरों 206 पेंशनरों के नाम आए हैं उनमें उनके पीपीओ नंबर नहीं हैं। इन सभी पेंशनरों को उनके द्वारा दिये गये पते पर सरकारी टीम ने ढूंढा था परन्तु वे नहीं मिले। उनके बारे में मीडिया में विज्ञापन भी दिए गए। एक बार फिर उनका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें 17 पेंशनर मिल गये हैं और इन्हें पुनरीक्षित पेंशन मय एरियर के दी जायेगी और शेष के बारे में वस्तुस्थिति से हाईकोर्ट को अवगत कराया जायेगा। यह अंतिम बार प्रयास होगा। इस समय राज्य सरकार 1 जनवरी 2016 की स्थिति में कुल 4 लाख 39 हजार सरकारी सेवकों या उनके उत्तराधिकारियों को पेंशन दे रही है।’’
नितिन नंदगांवकर, संचालक पेंशन मप्र
Created On :   25 May 2018 2:05 PM IST